Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Sep, 2017 01:30 PM
जाब सरकार पंजाब के अलग-अलग जिलों में लग रहे रहे रोजगार मेलों में युवाओं को प्राइवेट कंपनियों द्वारा दी जा रही नौकरियों की माइलेज लेकर आम व भोली-भाली जनता की आंखों में धूल झोंक रही है, क्योंकि ऐसे रोजगार मेले पंजाब की कैप्टन सरकार के बनने से पहले भी...
होशियारपुर (जैन): पंजाब सरकार पंजाब के अलग-अलग जिलों में लग रहे रहे रोजगार मेलों में युवाओं को प्राइवेट कंपनियों द्वारा दी जा रही नौकरियों की माइलेज लेकर आम व भोली-भाली जनता की आंखों में धूल झोंक रही है, क्योंकि ऐसे रोजगार मेले पंजाब की कैप्टन सरकार के बनने से पहले भी लगते थे जिनका सरकार द्वारा नौकरी देने से कोई लेना-देना नहीं है। उक्त विचार आम आदमी पार्टी के दोआबा जोन के प्रधान परमजीत सिंह सचदेवा ने पार्टी कार्यालय में एक बैठक को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।
श्री सचदेवा ने कहा कि पंजाब सरकार मात्र रोजगार मेलों में युवाओं को प्राइवेट कंपनियों में नौकरियां मिलने के बाद वाहवाही लूट रही है। उन्होंने कहा सरकार लोगों के साथ कोरा झूठ बोल रही है। अगर सच में सरकार ने नौकरियां देनी हैं तो सरकारी विभागों में खाली पड़े पदों को भरा जाए और युवाओं को नौकरियां दी जाएं, जिनकी युवाओं को सबसे ज्यादा जरूरत है। परमजीत सचदेवा ने कहा कि रोजगार मेले युवाओं की आंखों में धूल झोंकने वाले हैं। उन्होंने कहा वह भी सी.आई.आई. के वाइस चेयरमैन थे तथा रोजगार मेलों का आयोजन करते थे। उन्होंने बताया कि उन्होंने भी विभिन्न कंपनियों के सहयोग से स्पैशल बच्चों को नौकरियां दिलाई हैं। ऐसे मेलों में सरकार का कोई रोल नहीं होता।
पंजाब के सरकारी विभागों की ओर नजर दौड़ाई जाए तो शायद ही कोई ऐसा विभाग होगा जिनमें कर्मियों की कमी न हो। हर डिपार्टमैंट में मुलाजिमों पर वर्कलोड बढ़ता ही जा रहा है। रिटायरमैंट के बाद नई भर्तियां बंद होने के कारण सरकारी विभाग खाली होते जा रहे हैं, जिनका खामियाजा पुराने कर्मियों को ओवरलोड के रूप में देना पड़ता हैं। उन्होंने कहा अगर सच में सरकार युवाओं को नौकरियां देने के लिए कुछ करना चाहती है तो इन सभी सरकारी विभागों की भर्ती खोली जाए जिनमें कर्मियों की कमी हैं।
उन्होंने कहा यह जॉब मेले प्राइवेट कंपनियों की तरफ से अपने-अपने सैक्टर में लगाए जाते हैं और प्राइवेट कम्पनियां भी इन जॉब मेलों से बढिय़ा स्टूडैंट्स को आफर लैटर देती हैं। सरकारों का ऐसे रोजगार मेलों से कोई लेना-देना नहीं है। सरकारें अब इन जॉब मेलों में युवाओं को नौकरियां मिलने पर अपनी पीठ ही थपथपा रही हैं।