बैंकों की मिनिमम बैलेंस चार्जिज में फंसी 18,000 नौनिहालों की ‘वर्दी’

Edited By Punjab Kesari,Updated: 07 Dec, 2017 08:06 AM

uniforms of 18 000 children stuck in minimum balance charges of banks

केन्द्र सरकार की ओर से सरकारी स्कूलों में पढ़ते विद्यार्थियों को दी जाती वर्दी के तहत लुधियाना के करीब 350 प्राइमरी स्कूलों के विद्यार्थियों को अभी तक सर्दियों की वर्दी नहीं मिली है।

लुधियाना (विक्की): केन्द्र सरकार की ओर से सरकारी स्कूलों में पढ़ते विद्यार्थियों को दी जाती वर्दी के तहत लुधियाना के करीब 350 प्राइमरी स्कूलों के विद्यार्थियों को अभी तक सर्दियों की वर्दी नहीं मिली है। 

इसकी वजह केन्द्र सरकार द्वारा वर्दी के लिए भेजे गए पैसों में 
बैंकों की ओर से मिनिमम बैलेंस चाॢजस के रूप में कटौती करना है, जिसके चलते स्कूलों ने पैसे नहीं निकलवाए हैं, क्योंकि बच्चों की गिनती के मुताबिक सरकार से आए पैसों पर बैंकों ने अपनी योजना के मुताबिक मिनिमम बैलेंस चाॢजस लगा दिए, जिसके चलते राशि कम हो गई। अब स्कूल बैंकों को सरकार की ओर से आई राशि पर किसी तरह का कोई बैंक चार्ज न लगाने के लिए कह रहे हैं लेकिन बैंक भी अपने नियमों का हवाला देने में लगे हुए हैं। ऐसे में उक्त 350 स्कूलों के करीब 18,000 नौनिहालों को वर्दी नसीब होती नहीं दिखाई देती।

हालांकि पिछले दिनों जिला शिक्षा विकास कमेटी की ए.डी.सी. (डी.) सुरभि मलिक की अध्यक्षता में हुई मीटिंग में भी उक्त मुद्दा सामने आया था, जिस पर ए.डी.सी. ने विभाग को ऐसे स्कूलों के नाम देने के लिए कहा था, ताकि लीड बैंक मैनेजर के हस्तक्षेप से बैंकों को वैल्फेयर स्कीम के अंतर्गत वर्दी के पैसे पर चाॢजस न लगाने के लिए कहा जाए। 

बैंकों द्वारा कटौती करने से कम हुई राशि
विभाग के मुताबिक राज्य के सर्वशिक्षा अभियान की ओर से यह राशि 1 सितम्बर को जिला के सर्वशिक्षा अभियान अकाऊंट में ट्रांसफर कर दी गई, जहां से सर्वशिक्षा अभियान ने बी.पी.ई.ओज को उक्त राशि स्कूलों के मुताबिक 18 सितम्बर तक रिलीज कर दी लेकिन विभाग को उस समय बेहद हैरानी हुई, जब 350 प्राइमरी स्कूलों ने बताया कि बैंकों ने मिनिमम बैलेंस बैंक चार्जिज के रूप में वर्दियों के लिए आई राशि में से पैसे काट लिए हैं। ऐसे में स्कूल में बच्चों की गिनती के मुताबिक पैसे कम पडऩे से सभी बच्चों को वर्दियां देना मुश्किल हो जाएगा। 

5.34 में से 3.17 करोड़ ही हुए जारी
केन्द्र सरकार की ओर से सरकारी स्कूलों में पहली से 8वीं कक्षा एवं एन.सी.एल.पी. स्कूलों में पढऩे वाले विद्यार्थियों को वर्दी के लिए 400 रुपए प्रति बच्चे के हिसाब से ग्रांट जारी की जाती है। बात अगर लुधियाना की करें तो जिले के पहली से 8वीं कक्षा तक 1553 स्कूलों में पढऩे वाले 1 लाख 33 हजार 577 विद्यार्थियों की वर्दी के लिए 5.34 करोड़ रुपए का फंड अप्रूव हो गया था लेकिन सरकार की ओर से शिक्षा विभाग को पहली से 5वीं कक्षा तक के 1002 व 33 एन.सी.एल.पी. स्कूलों के 79,340 विद्यार्थियों के लिए 3.17 करोड़ रुपए की राशि वर्दियों के लिए जारी कर दी गई।

जिला शिक्षा विकास कमेटी की मीटिंग में भी उठा था मुद्दा 
पिछले सप्ताह हुई जिला शिक्षा विकास कमेटी की मीटिंग में भी यह मुद्दा उठा, जहां ए.डी.सी. (डी.) सुरभि मलिक ने विभाग के माध्यम से स्कूलों को सुझाव दिया कि उक्त मुद्दे को लेकर बच्चों की वॢदयां खरीदने का काम न रोका जाए। विभाग ने भी कहा था कि स्कूल अध्यापक अपनी ओर से कुछ पैसे डालकर उक्त प्रक्रिया को पूरा करें। वह अपनी ओर से भी लीड बैंक मैनेजर से बात करके बैंकों की ओर से स्कूलों के अकाऊंट में से काटी गई राशि वापस डलवाने के लिए कार्य करेंगी।

54,237 विद्यार्थियों के लिए अप्रूव फंड नहीं हुआ जारी 
ताज्जुब की बात तो यह है कि सरकार ने अभी तक कक्षा 6 से 8 तक अपर प्राइमरी स्कूलों में पढऩे वाले 54,237 विद्यार्थियों की वर्दी के लिए फंड अप्रूव होने के बावजूद जारी नहीं किया है। मौजूदा हालात ये हैं कि सर्दी का मौसम पूरी तरह से शुरू हो चुका है और बच्चे पिछले वर्ष की पुरानी वर्दी में ही स्कूल पहुंच रहे हैं। हालांकि कुछ स्कूलों में तो दानी सज्जनों की ओर से बच्चों को वर्दियां दी जा रही हैं लेकिन अन्य प्रभावित बच्चों को कोई लाभ नहीं मिल रहा। 


 

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