Edited By Punjab Kesari,Updated: 30 May, 2017 01:50 PM
बेरोजगार बी.पी.एड. और एम.पी.एड. यूनियन पंजाब की तरफ से मिनी सचिवालय पटियाला में धरना देकर ऐलान किया गया कि यदि मौजूदा सरकार ने नौजवानों को रोजगार न दिया तो नौजवान वर्ग जबरदस्त संघर्ष के लिए मजबूर होगा।
पटियाला (जोसन, लखविन्द्र): बेरोजगार बी.पी.एड. और एम.पी.एड. यूनियन पंजाब की तरफ से मिनी सचिवालय पटियाला में धरना देकर ऐलान किया गया कि यदि मौजूदा सरकार ने नौजवानों को रोजगार न दिया तो नौजवान वर्ग जबरदस्त संघर्ष के लिए मजबूर होगा। वक्ताओं ने बताया कि 2011 से लेकर 2017 तक शारीरिक शिक्षा के विद्यार्थियों के रोजगार से संबंधित किसी भी सरकार की तरफ से कोई भी सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया। वर्णनीय है कि 2011 में पंजाब शिक्षा भर्ती बोर्ड की तरफ से 646 पी.टी.ई., 645 डी.पी.ई. और 25 लैक्चरार की पोस्टों के लिए आवेदन पत्र मांगे गए परंतु पी-टैट की शर्त की अड़चन आने के कारण इन पोस्टों को रद्द कर दिया गया।
इसके बाद 2014 में विभाग की तरफ से 625 डी.पी.ई. और 25 लैक्चरारों की पोस्टों के लिए आवेदन पत्र की मांग की गई परंतु इन पोस्टों के लिए उम्मीदवारों की रखी उम्र सीमा की विरोधता के कारण यह पोस्टें भी कोर्ट द्वारा फिर से रद्द कर दी गईं। इसके बाद फिर 2015 में विभाग की तरफ से 800 डी.पी.ई. और 30 लैक्चरार की पोस्टों के लिए आवेदन पत्र लेने के बाद एक योग्यता टैस्ट लिया गया परंतु 2011 से विभाग की अस्पष्ट शर्तों और सरकार की गैर-जिम्मेदाराना नीतियों का शिकार होते आ रहे उम्मीदवारों की कानूनी विरोधता के कारण ये पेास्टें भी रद्द कर दी गईं।
विभाग द्वारा 2016 में फिर से 873 डी.पी.ई. और 74 लैक्चरारों की पोस्टों के लिए आवेदन पत्र मांगे गए। इसके उपरांत पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट की तरफ से विभाग को 31 मार्च 2017 तक इन पोस्टों को भरने के आदेश दिए गए थे परंतु सभी आदेशों को नजरअंदाज करते हुए विभाग या सरकार द्वारा इन पोस्टों की भर्ती प्रक्रिया को किसी भी तरीके से आगे नहीं बढ़ाया गया। उन्होंने बताया कि 2002 से 2017 तक पंजाब के कालेजों में शारीरिक शिक्षा के विषय और दूसरे किसी भी विषयों से संबंधी किसी भी सरकारी रैगुलर टीचिंग पोस्ट की भर्ती प्रक्रिया को शुरू तक नहीं किया गया। उन्होंने मांग की कि सरकार और विभाग उक्त सभी मुद्दों के लिए जल्द से जल्द कोई सकारात्मक और सराहनीय कदम उठाए।