Edited By Updated: 24 Feb, 2017 09:17 AM
नैशनल कमीशन फॉर प्रोटैक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स ने प्ले स्कूलों में 2 वर्ष की ही उम्र वाले बच्चों को भी एडमिशन दिए जाने एवं घरों के एक या दो कमरों में ही धड़ाधड़ खुल रहे उक्त स्कूलों संबंधी आ रही
लुधियाना (विक्की): नैशनल कमीशन फॉर प्रोटैक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स ने प्ले स्कूलों में 2 वर्ष की ही उम्र वाले बच्चों को भी एडमिशन दिए जाने एवं घरों के एक या दो कमरों में ही धड़ाधड़ खुल रहे उक्त स्कूलों संबंधी आ रही शिकायतों का कड़ा संज्ञान लिया है। कमीशन द्वारा देशभर के समूह राज्यों के सामाजिक सुरक्षा एवं बाल विकास विभाग के सचिवों व निदेशकों को पत्र लिखकर वर्ष 2013 में बनाई गई नैशनल अर्ली चाइल्ड हुड केयर एंड एजुकेशन पॉलिसी की गाइडलाइन प्ले व प्री-स्कूलों में सख्ती से लागू करवाने के निर्देश दिए हैं। यही वजह है कि उक्त निर्देश आते ही सर्वशिक्षा अभियान के डिप्टी प्रोजैक्ट डायरैक्टर ने समूह जिला शिक्षा अधिकारियों को सभी प्राइवेट एवं प्ले स्कूलों को पत्र लिखकर कमीशन द्वारा बनाई गई गाइडलाइन में बताई गई उम्र के तहत ही बच्चों को नर्सरी व किंडरगार्टन कक्षाओं में एडमिशन देने के आदेश दिए हैं।
गौरतलब है कि लगभग सभी शहरों में इन दिनों प्ले व प्री-स्कूलों में अपने नौनिहालों को पढ़ाने का क्रेज अभिभावकों में तेजी से बढ़ रहा है। यही वजह है कि पिछले कुछ समय से प्ले स्कूलों की संख्या में भी उतनी ही तेजी से इजाफा हुआ है। कई जगह तो ऐसी हैं, जहां पर लोगों ने घरों में ही स्कूल खोलकर 2 वर्ष तक के बच्चे को भी दाखिला देना शुरू कर दिया है। वहीं ऐसे प्ले स्कूलों के लिए नैशनल कमीशन फॉर प्रोटैक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स द्वारा नैशनल अर्ली चाइल्ड हुड केयर एंड एजुकेशन (ई.सी.सी.ई.) पॉलिसी वर्ष 2013 में बनाई गई थी लेकिन जमीनी स्तर पर पॉलिसी की गाइडलाइन लागू न होने के चलते लगातार नियम भंग हो रहे थे। समय-समय पर उक्त स्कूलों संबंधी सरकार व कमीशन को मिल रही शिकायतों के बाद फिर से कमीशन ने अब समूह राज्यों को पत्र लिखकर नियम लागू करवाने के लिए कहा है।
घरों में स्कूल खोलने वालों पर रहेगी नजर
इस शृंखला में सर्वशिक्षा अभियान के डिप्टी स्टेट प्रोजैक्ट डायरैक्टर द्वारा समूह जिला शिक्षा अधिकारियों को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की ओर से जारी पत्र भेजते हुए सभी प्राइवेट एवं प्ले स्कूलों को ई.सी.सी.ई. की गाइडलाइन लागू करवाने के निर्देश दिए हैं। नियमों के मुताबिक प्ले स्कूलों को अब सरकार से रैकोग्नाइजेशन लेनी होगी और बाकायदा सरकार भी ऐसे स्कूलों की लिस्ट जारी करेगी, जो सरकार से रिकोग्नाइज्ड होंगे। सूत्र बताते हैं कि कमीशन की पैनी नजर उन स्कूलों पर है, जिन्होंने घरों में ही एक कमरे में ऐसे स्कूल खोले हुए हैं।
2 वर्ष के बच्चे को भी दाखिला
देने से नहीं करते गुरेज कमीशन द्वारा जारी गाइडलाइन में 3 वर्ष से कम आयु वाले बच्चों को किसी भी स्कूल में दाखिला न दिए जाने का प्रावधान है लेकिन नियमों के बिल्कुल उलट प्ले स्कूल 2 वर्ष के बच्चे एवं पब्लिक स्कूल अढ़ाई साल के बच्चे को अपने संस्थानों में क्रमश: प्री-नर्सरी व नर्सरी में धड़ल्ले से दाखिला दे रहे हैं। नियमों के मुताबिक अब 3 से 6 वर्ष के बच्चे ही प्ले स्कूलों में दाखिल किए जा सकते हैं। अगर किसी प्ले स्कूल ने 3 वर्ष से कम आयु के बच्चे को एडमिशन दी तो उस पर कार्रवाई की दिशा में भी कदम उठाए जा सकते हैं।
सरकार से लेनी होगी रैकोग्नाइजेशन
यही नहीं प्ले स्कूलों के संचालन से पहले अब सरकार से अनुमति लेनी होगी, जिसके बाद उनकी रजिस्ट्रेशन के उपरांत कमीशन की दो सदस्यीय टीम द्वारा स्कूल का दौरा करने के बाद सौंपी जाने वाली रिपोर्ट के आधार पर ही स्कूल को वार्षिक रैकोग्नेशन सर्टीफिकेट दिया जाएगा।