Edited By Updated: 22 Feb, 2017 09:44 AM
मात्र कुछ दिन पहले स्थानीय निकाय विभाग की हुई विशेष बैठक में राज्य स्तर पर 1 मार्च 2016 से शुरू किए गए विकास कार्यों की चैकिंग करने के लिए मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के तकनीकी सलाहकार मेजर जनरल वी.के. भट्ट के नेतृत्व में जो 5 सदस्यीय कमेटी गठित की...
अमृतसर (महेन्द्र): मात्र कुछ दिन पहले स्थानीय निकाय विभाग की हुई विशेष बैठक में राज्य स्तर पर 1 मार्च 2016 से शुरू किए गए विकास कार्यों की चैकिंग करने के लिए मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के तकनीकी सलाहकार मेजर जनरल वी.के. भट्ट के नेतृत्व में जो 5 सदस्यीय कमेटी गठित की गई थी, उसके सदस्य मंगलवार को गुरु नगरी अमृतसर पहुंचे, जो शहर के हर हिस्से में नगर सुधार टस्ट तथा नगर निगम द्वारा करवाए गए करीब 521 प्रकार के अलग-अलग विकास कार्यों की 23 फरवरी तक चैकिंग करेंगे। इस टीम के अमृतसर पहुंचने पर ट्रस्ट व निगम कार्यालयों में एक तरह से हड़कंप-सा मचा हुआ है।
बिना किसी शिकायत के कमेटी गठित करने पर उठ रहे सवाल
स्थानीय नगर सुधार ट्रस्ट कार्यालय पहुंची टीम के चेयरमैन भट्ट व टीम के सदस्यों की भनक लगते ही सारे शहर में यह मुद्दा चर्चा का विषय बन गया और अलग-अलग राजनीतिक दलों से संबंधित नेताओं एवं आम लोगों द्वारा कई तरह के सवाल खड़े होने शुरू हो रहे थे, क्योंकि चुनाव सम्पन्न होने के पश्चात विकास कार्यों की चैकिंग करने के लिए कमेटी गठित करने की बात सामने आने पर चर्चा छिड़ी हुई थी कि विकास कार्यों की आड़ में ट्रस्ट व निगम में बड़े-बड़े घोटाले हो सकते हैं। इस संबंध में हाल ही में ट्रस्ट के चेयरमैन सुरेश महाजन खुद भी पुष्टि कर चुके हैं। लोग दबी जुबान में कह रहे थे कि घोटालों पर पर्दा डालने के लिए इस तरह की चैकिंग करवा कर संबंधित नेताओं एवं अधिकारियों को कहीं क्लीन चिट देने की तैयारी तो नहीं की जा रही है?
निर्धारित पालिसी व जिम्मेदारियों सहित की जानी है चैकिंग : भट्ट
हर तरफ छिड़ी चर्चा के चलते देखते ही देखते सारे का सारा मीडिया नगर सुधार ट्रस्ट कार्यालय आ पहुंचा। पूछे जाने पर भट्ट ने बताया कि गत वर्ष मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने राज्य भर में बड़े पैमाने पर विकास कार्य शुरू करवाए थे। शुरू करवाए गए विकास कार्य सही ढंग से करवाए गए हैं और सही ढंग से चल
रहे हैं, इसमें मैटीरियल तथा निर्धारित की गई पालिसी के तहत निर्धारित की गई जिम्मेदारियों एवं गारंटी के मुद्दों के आधार पर सभी प्रकार की चैकिंग की जानी है। उन्होंने कहा कि पालिसी के तहत पहले सड़क की मुरम्मत को लेकर मात्र तीन महीने की गारंटी का मापदंड था। अब नई पालिसी के तहत तारकोल युक्त सड़क के लिए एक वर्ष, कंक्रीट युक्त सड़क तथा इंटरलाकिंग टाइलों के लिए पांच वर्ष की गारंटी का प्रावधान रखा हुआ है।
ये हैं इंस्पैक्शन टीम के सदस्य
उन्होंने बताया कि उनकी चेयरमैनशिप के अधीन जो पांच सदस्यों पर आधारित इंस्पैक्शन टीम गठित की गई है, उनमें अनिल कांसल चीफ इंजीनियर डायरैक्टोरेट स्थानीय निकाय विभाग, चंडीगढ़, अजय कंवर चीफ इंजीनियर (एम.सी./एन.पी.), ए.एस. धालीवाल चीफ इंजीनियर (ओ. एंड एम.), पी.एम.आई.डी.सी., चंडीगढ़, मुकुल सोनी चीफ इंजीनियर (आई.टी.) डायरैक्टोरेट स्थानीय निकाय विभाग, चंडीगढ़ तथा वी.पी. सिंह जनरल मैनेजर (प्रोजैक्ट) पी.एम.आई.डी.सी., चंडीगढ़ शामिल हैं। इनके अलावा ट्रस्ट व निगम कार्यालयों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को भी उनके साथ जोड़ा गया है, जो स्थानीय संबंधित कांट्रैक्टरों को मौके पर ले जाकर सभी प्रकार के विकास कार्यों की चैकिंग करेंगे।
बी.आर.टी.एस. प्रोजैक्ट को लेकर चैकिंग होगी आज
उन्होंने बताया कि ट्रस्ट को इस वित्तीय वर्ष में 80 करोड़ व निगम को 78 करोड़ की राशि रिलीज की गई थी। इसके अलावा जल व सीवरेज आपूर्ति के लिए 4.5 करोड़ रुपए की राशि अलग से रिलीज की गई थी। पहले चरण में की गई चैकिंग के दौरान यह सभी काम अभी चल रहे हैं। इसी तरह पी.डब्ल्यू.डी. एस.एस.बी. के तहत होने वाले 50 लाख से ऊपर करोड़ों के विकास कार्य करवाए जाते हैं। 5 करोड़ से ज्यादा के विकास कार्यों को लेकर स्क्रूटनी के अधिकार उनके पास हैं, इसलिए इन सभी बातों को लेकर भी चैकिंग की जानी है। 521 प्रकार के अलग-अलग विकास कार्यों में बी.आर.टी.एस. प्रोजैक्ट भी शामिल हैं, जिसकी वे बुधवार को चैकिंग करेंगे।
ई.आई.एल. व वैप कोस्ट कंपनियों को दिया चैकिंग का कांट्रैक्ट
उन्होंने बताया कि सभी प्रकार के विकास कार्यों की चैकिंग के लिए दिल्ली की दो कंपनियों ई.आई.एल. (इंजीनियरिंग इंडिया लिमिटेड) व वैप कोस्ट को प्रोजैक्ट की कुल राशि का मात्र 8 फीसदी दर पर चैकिंग का कांट्रैक्ट दिया गया है। जो सभी प्रकार के विकास कार्यों की सैंपङ्क्षलग लेकर हर उचित ढंग से चैकिंग करेंगे व अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।
पालिसी व गारंटी के विपरीत कार्यों पर रुकेगा भुगतान
उन्होंने बताया कि चैकिंग रिपोर्ट में अगर किसी भी कांट्रैक्टर द्वारा करवाए गए विकास कार्यों में किसी भी प्रकार की कमी या खामी पाई गई तो उनके भुगतान पर तब तक रोक लगा दी जाएगी, जब तक कि वे पालिसी व गारंटी के अनुरूप कांट्रैक्ट के तहत सभी काम सही तरीके से पूरे नहीं करेंगे।