Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Feb, 2018 05:55 PM
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के भारत दौरे को लेकर पंजाब व कनाडा दोनों जगह सियासत गर्माई हुई है। सियासत की इस गर्मी का कारण भारतवंशियों का कनाडा की सियासत में गहरा दखल होना भी जिम्मेदार है। कनाडा में अक्तूबर 2015 में हुए आम चुनाव में 40 के...
जालन्धर (नरेश कुमार): कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के भारत दौरे को लेकर पंजाब व कनाडा दोनों जगह सियासत गर्माई हुई है। सियासत की इस गर्मी का कारण भारतवंशियों का कनाडा की सियासत में गहरा दखल होना भी जिम्मेदार है। कनाडा में अक्तूबर 2015 में हुए आम चुनाव में 40 के करीब भारतवंशी मैदान में उतरे थे और इनमें से भारतीय मूल के 19 व्यक्ति सांसद चुने गए। इन 19 सांसदों में से 4 सांसदों को जस्टिन ट्रूडो की सरकार में मंत्री पद मिला है।
भारतीय मूल के 4 मंत्री
कनाडा की राजनीति में भारतीयों के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने 2015 में अपनी सरकार के गठन के समय भारतीय मूल के 4 सांसदों को बतौर मंत्री जगह दी। इनमें से हरजीत सिंह सज्जन डिफैंस मंत्री बनाए गए हैं जबकि नवदीप बैंस, बर्दिश चग्गर, अमरजीत सोही को भी कैबिनेट में शामिल किया गया था।पंजाब में भी सियासत
जस्टिन ट्रूडो के भारत दौरे को लेकर पंजाब में सियासत करीब एक महीना पहले ही गर्मा गई थी। पंजाब के मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह ने ट्रूडो की कैबिनेट के सदस्य हरजीत सिंह सज्जन का खालिस्तानी समर्थकों के प्रति नरम रुख होने का हवाला देकर भारत दौरे के दौरान उनके साथ मुलाकात करने से इंकार कर दिया था। इसके बाद अमरजीत सोही और हरजीत सिंह सज्जन द्वारा खालिस्तानियों का समर्थन न किए जाने के बयान का भी कैप्टन द्वारा स्वागत किया गया। हालांकि इस बीच कैप्टन ने कहा था कि प्रधानमंत्री ट्रूडो से मिलने में उन्हें कोई आपत्ति नहीं है।
ट्रूडो 21 फरवरी को पंजाब के दौरे पर होंगे और इस दौरान वह श्री दरबार साहिब में माथा टेकने भी जाएंगे लेकिन इस बीच कनाडा प्रधानमंत्री कार्यालय से भी साफ किया गया कि भारत के दौरे के दौरान जस्टिन ट्रूडो का कैप्टन अमरेंद्र सिंह के साथ मिलने का कोई कार्यक्रम नहीं है। इसके बावजूद ट्रूडो के दरबार साहिब दौरे के दौरान कैप्टन अमरेंद्र सिंह के शामिल होने को लेकर दुविधा बरकरार है।