Edited By Updated: 14 Jan, 2017 03:11 PM
इसका दोष किसे दिया जाए कि हमारी सरकारें या सांसद लोगों की सहूलियत हेतु कोई विकास की मीनार स्थापित करवाएं और उनका उपयोग
तलवाड़ा(डी.सी.): इसका दोष किसे दिया जाए कि हमारी सरकारें या सांसद लोगों की सहूलियत हेतु कोई विकास की मीनार स्थापित करवाएं और उनका उपयोग रत्ती भर भी उद्देश्य के लिए न हो पाए। तलवाड़ा से मुकेरियां रोड पर ऐसी ही विकास की मीनार हैं यात्री विश्राम शैड (वर्षाशालिका शैड)। इनका उपयोग कभी मकसद के लिए नहीं हो पा रहा है। ऐसी शैडों के निर्माण का मकसद यात्रियों को बसों के इंतजार हेतु उचित स्थान पर बैठने की सुविधा देना है। पर अफसोस, सड़कों पर बसें ऐसी शैडों के आगे खड़ी होने की बजाय इनसे 100 कदम आगे या पीछे खड़ी होती हैं और यात्री भी शैडों में उनका इंतजार करने की जगह बाहर ही खड़े होकर करते रहते हैं। शैडों में प्राय: पशु, जानवर या फिर अन्य ही इनके अंदर देखे जाते हैं। तलवाड़ा के सब्जी मंडी चौक, आई.टी.आई. चौक, सैक्टर-2 टी-प्वाइंट, झीर दा खूह आदि की ऐसी शैडों पर खर्चा धन बेकार ही नजर आता है। लोगों की राय इस प्रकार है।
प्रशासन है जिम्मेदार
वरिष्ठ नागरिक मास्टर के.के. शर्मा पुराना तलवाड़ा का कहना है कि यात्री विश्राम शैडों का मकसद हेतु उपयोग न होने के लिए प्रशासन जिम्मेदार है। ऐसी दुव्र्यवस्था यदि आम जनता हर रोज देखती है तो प्रशासन की आंखें भी तो बंद नहीं होती हैं। प्रशासन को चाहिए कि वह पुलिस स्टेशन में एक बार तमाम बस कम्पनियों के अड्डा इंचार्जों को बुला कर बसें यात्री विश्राम शैडों के आगे खड़ा करने के आदेश दे। यदि आदेशों की पालना कोई नहीं करता तो कानूनी कार्रवाई पुलिस करे।
यात्रियों को भी करना चाहिए सहयोग
बसों का इंतजार करने वाले यात्रियों को चाहिए कि वे सीधे शैड में जाएं, न कि सड़क पर खड़े हो जाएं। समाज सेवी अजय परमार के अनुसार विधायक हो या फिर सांसद लोगों की समस्याओं को अपनी समस्याएं मानते हैं तभी तो वे ऐसे विकास के कार्य करते हैं। शैडों पर लाखों रुपए सरकार ने व्यय किए हैं पर इनके उपयोग के लिए यात्रियों को भी अपना अपेक्षित सहयोग देना चाहिए।
सियासतदानों की भी है नैतिक जिम्मेदारी
यात्री विश्राम शैड यदि उपयोग नहीं हो रहे तो उन सियासतदानों की भी पूरी जिम्मेदारी बनती है जो अपनी सरकारी निधि से धन व्यय करते हैं लेकिन बाद में उस विकास के मीनार की हालत क्या है पता करना जरूरी नहीं समझते। पूर्व सरपंच राम प्रशाद ने कहा कि प्रशासन सरकार के आगे जवाबदेह है। यदि इनका सदुपयोग नहीं हो रहा तो सरकार के नुमाइंदों को प्रशासन से पूछना चाहिए।