अवैध कब्जे देते हैं ट्रैफिक समस्या को बढ़ावा

Edited By Updated: 17 Jan, 2017 10:45 AM

traffic problems

नोटबंदी के चलते भले ही शहर के तमाम बाजारों में मंदी का बोलबाला है, फिर भी लगभग सभी बाजारों में वाहनों की भीड़ साफ दिखाई पड़ती है।

फगवाड़ा  (मुकेश): नोटबंदी के चलते भले ही शहर के तमाम बाजारों में मंदी का बोलबाला है, फिर भी लगभग सभी बाजारों में वाहनों की भीड़ साफ दिखाई पड़ती है। जांच में पता चला है कि शहर के काफी दुकानदार सरकारी जमीनों पर बेखौफ कब्जे कर दुकानदारी करते हैं। ट्रैफिक विभाग न तो इस समस्या को हल करवाने में दिलचस्पी दिखाता है और न ही निगम विभाग के अधिकारीगण। कब्जाधारी जिन दुकानों के आगे फडिय़ां लगाते हैं उनके मालिकों को कथित तौर पर रोजाना 200 से 500 रुपए तक प्रतिदिन देते हैं।

विशेषकर शहर के प्रमुख गौशाला रोड, सराय रोड, स्टार्च मिल रोड, मंडी रोड, झटकइया चौक, लोहा मंडी चौक, बंगा रोड, सुभाष नगर चौक, बांसांवाला बाजार व सिनेमा रोड में तेजी से कब्जा कर दुकानदार व फड़ी वाले दुकानदारी करते हैं, जिसे देख हरेक राहगीर मन ही मन सोचता है कि ये सब अधिकारियों की मिलीभगत के अलावा रोजनेताओं के आशीर्वाद से सम्भव हो रहा है। नेता लोग जिस व्यक्ति को कब्जा करवाने में साथ देते हैं, उनसे समय-समय पर पार्टी फंड लेकर पार्टी के साथ-साथ अपनी व अधिकारियों की जेबें भी अक्सर भरते हैं।

इसी कारण कोई भी इस गम्भीर समस्या का हल करवाने में पूरी तवज्जो नहीं दे रहा, भले ही फगवाड़ा नगर कौंसिल से नगर निगम में तबदील हो गई है, मगर आज भी नेताओं व अधिकारियों की शह पर रोजाना स्थायी-अस्थायी कब्जे हो रहे हैं।दूसरी ओर सरकारी तंत्र चैन की बांसुरी बजाता दिखाई पड़ता है। क्या इस गम्भीर समस्या का हल आने वाले दिनों में होगा या फिर भी इसी भांति कब्जों से बाजारों का ताना-बाना बिगड़ता रहेगा। 

पीली रेखा की परवाह नहीं करते लोग
भले ही निगम ने शहर के कई बाजारों में पीली रेखा खींची है। फिर भी काफी दुकानदार बेखौफ पीली लाइन को दरकिनार कर उसके आगे 3-4 फुट तक कब्जा करते हैं। नेता लोग भले ही जनता को उनका सेवक कहने के दावे करे पर सच्चाई यह है कि इन्हीं के आशीर्वाद से शहर के अधिकतर क्षेत्र तेजी से सिकुड़ते ही चले जा रहे हैं। हर कोई सोचता है कि बीते सालों फगवाड़ा में अनेकों ट्रैफिक विभाग के अधिकारियों के अलावा निगम के अधिकारी बदलकर आए, लेकिन किसी ने भी कब्जे हटाने हेतु ठोस कदम नहीं उठाया।

अगर किसी ने कोशिश भी की तो बाजारों के दुकानदारों की यूनियनें उन पर हावी होती साफी दिखीं। बेशक शहर में ट्रैफिक विंग के दर्जनों जवान रोजाना ट्रैफिक कंट्रोल करने की ड्यूटी देते हैं, ताकि ट्रैफिक सुचारू रूप से चले। सच बात है कि शहर के थाना सिटी के समीप बंगा रोड, मंडी रोड, गौशाला रोड, झटकइया चौक, लोहा मंडी चौक व पुरानी दाना मंडी में कब्जों के अम्बार से ट्रैफिक की समस्या रोजाना विकराल रूप धारण किए रहती है।

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