Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Oct, 2017 09:58 AM
फैस्टीवल सीजन के चलते जहां शहर में ट्रैफिक पुलिस को सतर्क दिखना चाहिए, वहीं इसके उलट ट्रैफिक पुलिस आम लोगों के चालान काटने में व्यस्त दिखाई दे रही है और गाडिय़ां टो करने में तो जैसे ट्रैफिक पुलिस ने महारत हासिल कर ली हो। शहर के सबसे व्यस्त रहने वाले...
जालंधर(जसप्रीत): फैस्टीवल सीजन के चलते जहां शहर में ट्रैफिक पुलिस को सतर्क दिखना चाहिए, वहीं इसके उलट ट्रैफिक पुलिस आम लोगों के चालान काटने में व्यस्त दिखाई दे रही है और गाडिय़ां टो करने में तो जैसे ट्रैफिक पुलिस ने महारत हासिल कर ली हो। शहर के सबसे व्यस्त रहने वाले बस स्टैंड के बाहर बेलगाम ऑटो वाले जहां दिल करे वहां ऑटो को रोक कर सवारियां भरते हैं जिसके चलते ट्रैफिक में बाधा आ रही है। ट्रैफिक पुलिस इतनी व्यस्त मानी जाती है कि दूसरे राज्य की नम्बर प्लेट देख कर वाहन पर बाज की तरह झपटती है।
ऐसा ही वाक्या तलवाड़ा से जालंधर पहुंचे दंपति ने बताया कि वे किसी निजी काम से जालंधर बस स्टैंड के पास पहुंचे थे। इस दौरान वे पानी लेने के लिए एक दुकान में रुके तो 2 मिनट बाद उन्होंने आकर देखा कि उनकी गाड़ी वहां पर खड़ी नहीं थी। उन्होंने बताया कि ट्रैफिक पुलिस के कर्मचारी वहां पर चालान काटने में व्यस्त थे। दंपति ने बताया कि उन्होंने ट्रैफिक पुलिस कर्मियों से पूछ कर गाड़ी पार्क की थी, लेकिन जब वे पानी की बोतल लेकर वापस गाड़ी में बैठने के लिए आए तो वहां पर अपनी गाड़ी न देख हक्के-बक्के रह गए। जब ट्रैफिक पुलिस के हवलदार से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि जनाब आपकी गाड़ी तो टो कर दी गई है।
उन्होंने कहा कि जब हम आप से पूछ कर गाड़ी लगा कर गए थे तो ऐसे में गाड़ी टो करवाने का क्या मतलब था? इतना ही नहीं, इस दंपति ने बताया कि वे काफी कठिनाइयों के बाद ट्रैफिक थाना पहुंचे जहां पर चालान की बनती फीस भर कर गाड़ी छुड़वा कर अपनी जगह पहुंचे। ट्रैफिक पुलिस का यही रवैया सवालिया निशान खड़ा करता है कि अन्य राज्यों के जो राहगीर यहां आते हैं तो उनके साथ ट्रैफिक पुलिस का रवैया ठीक नहीं होता, जिसके कारण पंजाब पुलिस की छवि दूसरे राज्यों में खराब है।