Edited By Punjab Kesari,Updated: 10 Nov, 2017 02:51 PM
लुधियाना में आर.टी.ए. आफिस बनाए जाने के बाद से यहां तैनात स्टाफ में से कुछ को हटा कर तहसीलों में भेजा गया है। स्टाफ न होने के कारण आर.टी.ए. आफिस ने ट्रैफिक पुलिस द्वारा भुगतान के लिए भेजे जाने वाले चालानों को लेने से मना कर दिया है, जिसके बाद अब...
लुधियाना(सुरिन्द्र): लुधियाना में आर.टी.ए. आफिस बनाए जाने के बाद से यहां तैनात स्टाफ में से कुछ को हटा कर तहसीलों में भेजा गया है। स्टाफ न होने के कारण आर.टी.ए. आफिस ने ट्रैफिक पुलिस द्वारा भुगतान के लिए भेजे जाने वाले चालानों को लेने से मना कर दिया है, जिसके बाद अब ट्रैफिक पुलिस ने एक बार फिर से चालानों को अदालतों में भेजना शुरू कर दिया है।
बता दें कि आर.टी.ए. आफिस में स्टाफ न होने के कारण ट्रैफिक पुलिस द्वारा भेजे गए चालानों को विभाग समय पर फीड नहीं कर पाता, जिसके कारण कई बार लोगों के चालानों का समय पर भुगतान नहीं हो पाता। लोग चालान लेट होने के पीछे आर.टी.ए. आफिस को कोसते हैं, लेकिन असल समस्या चालानों को फीड करने के लिए कम स्टाफ की है। कुछ दिन पूर्व डिप्टी कमिश्नर प्रदीप अग्रवाल की अगुवाई में पुलिस व आर.टी.ए. आफिस के अधिकारियों की एक संयुक्त बैठक बुला कर इस बात पर चर्चा की गई थी कि ट्रैफिक पुलिस अपने रिकार्ड व वैबसाइट के लिए जो डाटा कम्प्यूटर में फीड करती है, उसे ही आर.टी.ए. आफिस को मुहैया करवा दिया जाए ताकि लोग तुरंत अपने चालान का भुगतान कर सकें, लेकिन इतने दिन बीतने के बावजूद इस दिशा में कोई कारगर कदम नहीं उठाए गए।
ट्रैफिक पुलिस द्वारा रोजाना औसतन 3 से 4 सौ चालान कर आर.टी.ए. आफिस में भुगतान के लिए भेजे जाते हैं। आर.टी.ए. आफिस की समस्या यह है कि उन्हें चालान को भुगतान से पूर्व उसे अपने साफ्टवेयर में फीड करना लाजिमी है, तभी जुर्माने की राशि का मूल्यांकन हो सकता है व स्टाफ को यह पता लगता है कि चालान व उसके साथ आए कागजात कहां पड़े हैं। आर.टी.ए. स्टाफ का इतना समय तो चालान भुगतान में नहीं लगता, जितना चालान फीड करने में लग रहा है। अगर ट्रैफिक पुलिस अपना डाटा आर.टी.ए. आफिस के साथ सांझा कर ले तो चालान भुगतान की गति दोगुनी हो जाएगी। वहीं इस संबंध में ए.डी.सी.पी. ट्रैफिक सुखपाल सिंह बराड़ का कहना है कि ट्रैफिक पुलिस का डाटा आर.टी.ए. आफिस के साथ सांझा करने के लिए तकनीकी कर्मी इस तरफ प्रयास कर रहे हैं।