Edited By Updated: 03 Dec, 2016 02:39 PM
विधानसभा चुनाव के उम्मीदवारों की सूची को लेकर कांग्रेस में हंगामा हो रहा है। आलाकमान के पास दिल्ली में पंजाब के नेता अपनी बात रख जोड़-तोड़ में जुटे हुए हैं।
चंडीगढ़ः विधानसभा चुनाव के उम्मीदवारों की सूची को लेकर कांग्रेस में हंगामा हो रहा है। आलाकमान के पास दिल्ली में पंजाब के नेता अपनी बात रख जोड़-तोड़ में जुटे हुए हैं। पार्टी में 60 सीटों के लिए प्रत्याशियों के नाम पर सहमति हो गई है लेकिन, हाल ही में पार्टी में शामिल हुए नेताओं काे टिकट दिए जाने का विरोध हो रहा है। इन नेताओं में डा. नवजोत कौर सिद्धू और परगट सिंह शामिल हैं।
बताया जा रहा है कि पांच सांसदों ने राहुल गांधी से मुलाकात कर यह मांग उठाई है कि बाहर से आने वाले नेताओं को टिकट न दिया जाए। इसकी अगुवाई प्रताप सिंह बाजवा ने की। वहीं राजनीतिक उबाल को शांत करने के लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने बाजवा के साथ बैठक कर उन्हें शांत करने की कोशिश की। इसी बीच दो राऊंड में हुई स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में 60 नामों पर सहमति बन गई है, जबकि बाकी पर माथापच्ची चल रही है।
दिल्ली में राजनीतिक पारा तब गरमा गया जब राज्यसभा सांसद प्रताप सिंह बाजवा की अगुवाई में पांच सांसदों, जिसमें शमशेर सिंह दूलो, अंबिका सोनी, रवनीत बिट्टू और चौधरी संतोख सिंह थे, ने पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात कर यह मांग रख दी कि बाहर से आने वाले नेताओं को टिकट नहीं देनी चाहिए।
इन नेताओं का इशारा सीधे रूप से इंद्रबीर सिंह बुलारिया और सरवन सिंह फिल्लौर की तरफ था, जबकि अमृतसर में ही डॉ. नवजोत कौर सिद्धू का भी विरोध हो रहा है। इसके बाद कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने डैमेज कंट्रोल के लिए बाजवा के साथ बातचीत की। माना जा रहा है कि कैप्टन ने बाजवा को शांत करने की कोशिश की।
बुलारिया, परगट सिंह और नवजोत कौर सिद्धू की कांग्र्रेस में एंट्री राहुल गांधी की इजाजत के बाद हुई है। सूत्र बताते हैं कि ऐसे में सांसदों के विरोध के बावजूद यह तय है कि बाहर से आने वाले नेताओं को टिकट दिया जाएगा, लेकिन इससे पहले पार्टी संतुष्ट होना चाहती है कि वे चुनाव जीत सकते हैं या नहीं।
पार्टी सूत्र बताते हैं कि स्क्रीनिंग कमेटी की दो राउंड में हुई बैठक में 60 नामों पर आम सहमति बन गई है, जबकि बाकी सीटों पर पैनल बनाने का काम किया जा रहा हैं। चूंकि अाज सेंट्रल इलैक्शन कमेटी की बैठक है इसलिए इससे पहले स्क्रीनिंग कमेटी को अपना काम पूरा करना है।
सूत्रों का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री राजिंदर कौर भट्ठल अपना हलका लहरा छोड़ कर सुनाम से टिकट की मांग कर रही थीं, लेकिन पार्टी ने उनकी मांग खारिज कर दी है। लहरा से अकाली दल ने कैबिनेट मंत्री परमिंदर सिंह ढींडसा को चुनाव मैदान में उतारा है। ऐसे में पार्टी पर यह आरोप लग सकते हैं कि कांग्रेस ने अकाली दल की लहरा में मदद की और अकाली दल ने सुनाम में।