Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Aug, 2017 11:20 PM
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान प्रो. कृपाल सिंह बडूंग...
पटियाला/फतेहगढ़ साहिब(जोसन, परमीत,जगदेव): शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान प्रो. कृपाल सिंह बडूंगर ने गुरु नानक देव जी की ‘पहली उदासी’ से संबंधित सिक्किम स्थित गुरुद्वारा गुरु डांगमार साहिब को बंद करके गुरु ग्रंथ साहिब का स्वरूप बाहर रखने के मामले का कड़ा नोटिस लेते हुए कहा कि आज फिर 1984 वाले हालात पैदा करने की कोशिश की जा रही है। प्रो. बडूंगर आज यहां गुरुद्वारा दुख निवारण साहिब पटियाला में श्री गुरु गं्रथ साहिब का प्रकाश पर्व मनाने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। एस.जी.पी.सी. देश या विदेश में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी बर्दाश्त नहीं करेगी।
प्रो. कृपाल सिंह बडूंगर ने कहा कि सिक्किम कोई विदेशी राज्य नहीं है और हमारे देश में ऐसा घिनौना कारनामा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जरूरत है। एस.जी.पी.सी. अपने धर्म-कर्म से कभी पीछे नहीं हटेगी। उन्होंने कहा कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब सर्व सांझेदारी का उपदेश देता है। प्रो. बडूंगर ने कहा कि एस.जी.पी.सी. ने सेवामुक्त कर्नल राजिंद्र सिंह ग्रेवाल के नेतृत्व में 5 सदस्यीय वफद सिक्किम भेजा है जो वहां के प्रशासन, फौज व सरकार के साथ बातचीत करके आरोपियों को सख्त सजा दिलाएगा। वफद ने वहां पहुंच कर गुरुद्वारा साहिब में श्री गुरु ग्रंथ साहिब का प्रकाश करवा दिया है।
प्रो. बडूंगर ने गुरुद्वारा काहनूवान साहिब में अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह और सिख संगत को रोकने की ङ्क्षनदा की। बडूंगर ने लगभग 300 सिख संगत पर दर्ज किए केस की भी ङ्क्षनदा करते हुए इस केस को तुरंत वापस लेने की मांग की। उन्होंने कहा कि सरकार आरोपियों के विरुद्ध धारा 291ए के तहत तुरंत केस दर्ज करे। प्रो. कृपाल सिंह बडूंगर ने कहा कि कैप्टन अमरेन्द्र सिंह सिख धर्म प्रति अपनी ड्यूटी निभाने में असफल रहे हैं।