Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Aug, 2017 12:21 PM
साहिब श्री गुरु नानक देव जी व माता सुलक्खनी जी के मनाए जा रहे विवाह पर्व की खुशी को लेकर आज बटाला दुल्हन की तरह सजा हुआ नजर आ रहा है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी......
बटाला (बेरी, विपन, राघव): साहिब श्री गुरु नानक देव जी व माता सुलक्खनी जी के मनाए जा रहे विवाह पर्व की खुशी को लेकर आज बटाला दुल्हन की तरह सजा हुआ नजर आ रहा है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा गुरुद्वारा श्री बेर साहिब सुल्तानपुर लोधी से सुबह 7 बजे श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की छत्र-छाया तले एवं पांच प्यारों की अगुवाई में बारात रूपी महान नगर कीर्तन आरम्भ हुआ।
इसी तरह सुल्तानपुर लोधी से सजाया गया नगर कीर्तन अलग-अलग पड़ावों से होता हुआ बटाला शहर में पहुंचा। इस नगर कीर्तन का इलाके की संगत की ओर से अलग-अलग स्थानों पर नतमस्तक होकर स्वागत किया गया।
उल्लेखनीय है कि बटाला में सैंकड़ों वर्षों से श्री गुरु नानक देव जी व माता सुलक्खनी जी के विवाह मनाने की परंपरा चलती आ रही है। सिख संगत में इस पर्व को विशेष तौर पर मनाया जाता है। ऐतिहासिक पक्ष के अनुसार बटाला के रहने वाले क्षत्रिय मूल चंद जी की बेटी सुलक्खनी जी की सगाई श्री गुरु नानक देव जी से हुई थी। गुरु नानक देव जी पूरी बारात के साथ सुल्तानपुर लोधी से बटाला शादी के लिए आए थे। इस पर्व को लेकर शीशे की फ्रेम में सुरक्षित कच्ची दीवार व कच्ची कंध के दर्शनों के लिए संगत लालहित रहती है।