Edited By Updated: 25 May, 2017 08:34 AM
वैसे तो देश के नक्शे पर मालेगांव वर्षों से है, लेकिन वर्ष 2006 में यह बम धमाकों के बाद चर्चा में आ गया था। इन बम धमाकों का आरोप हिंदू संगठनों पर लगा था। इस बार कारण बन रहे हैं तीन तलाक और बीफ बैन के समर्थन में मालेगांव के
जालंधर (पाहवा): वैसे तो देश के नक्शे पर मालेगांव वर्षों से है, लेकिन वर्ष 2006 में यह बम धमाकों के बाद चर्चा में आ गया था। इन बम धमाकों का आरोप हिंदू संगठनों पर लगा था। इस बार कारण बन रहे हैं तीन तलाक और बीफ बैन के समर्थन में मालेगांव के मुसलमान भाजपा नेता जो भाजपा का रुख इन मसलों पर पलटवा सकते हैं। महाराष्ट्र भाजपा के अल्पसंख्यक समूह के चेयरमैन जमाल सिद्दीकी ने अनुरोध किया है कि ज्यादा से ज्यादा मुस्लिम भाजपा ज्वाइन करें ताकि समुदाय की भलाई के लिए सरकारी नीतियों को प्रभावित किया जा सके। जानकारी के अनुसार मालेगांव के मालदा में आगामी निकाय चुनावों में भाजपा के उम्मीदवार शेख अख्तर ने सिद्दीकी को कहा कि तीन तलाक मुस्लिमों का मौलिक अधिकार है।
अगर सुप्रीम कोर्ट भी इसके खिलाफ फैसला सुनाता है, तो भी वह लोग नहीं मानेंगे, लेकिन जमाल ने अख्तर को उस समय चुप करवा दिया था। यह वैसे तो सामान्य बहस थी, लेकिन भाजपा इस बहस को काफी समय से झेल रही है। मालेगांव में भाजपा 2012 में यहां कोई सीट नहीं जीती थी, मालेगांव म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन की 84 सीटों पर पार्टी 56 पर चुनाव लड़ रही है और 27 सीटों पर उसने मुस्लिम उम्मीदवार उतारे हैं। एक शहर जहां बहुत-सी महिलाएं बुर्का पहनती हैं और जहां खुले में बीफ मिलता है, वहां स्थानीय नेताओं की बातें पार्टी की विचारधारा के उलट दिख रही हैं। कई उम्मीदवार और यहां तक कि सिद्दीकी भी कहते हैं कि बीफ बैन हटाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि गाय पवित्र पशु है और उसकी हत्या नहीं की जानी चाहिए, लेकिन सांड और बैलों की कटाई की इजाजत दी जानी चाहिए।
सिद्दीकी कहते हैं, बीफ ही वह चीज नहीं, जो मुस्लिमों को परेशान करती है। वह हमेशा साथी मुस्लिमों से कहते हैं कि अगर आप भारी संख्या में भाजपा में शामिल होंगे तो आप पार्टी में ऐसे पद पर होंगे, जहां आप उसकी नीतियों को प्रभावित कर सकते हैं, हो सकता है कि बीफ बैन पर पार्टी का रुख भी बदलवा दें। भले ही बी.जे.पी. की नीति तीन तलाक के खिलाफ हो, लेकिन मालेगांव में पार्टी का जाना-पहचाना महिला मुस्लिम चेहरा डा. शाहीन सैयद कहती हैं कि तलाक के लिए इस्लाम का सिस्टम ही सर्वश्रेष्ठ है। भाजपा की उम्मीदवार सैयद कहती हैं, महिलाओं के उत्पीडऩ के जो उदाहरण सामने आए हैं, वह इसलिए हैं क्योंकि लोग हमारे शास्त्रों में लिखे तलाक को नहीं मानते।