Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Sep, 2017 07:57 AM
आई.सी.पी. (इंटैग्रेटिड चैक पोस्ट) अटारी बार्डर में भारत-पाक के बीच होने वाले कारोबार के हालात लगातार खतरनाक होते जा रहे हैं। कुलियों की हड़ताल के आज चौथे दिन भी भारत-पाक के बीच ट्रकों का आवागमन बंद रहा, जिससे पाकिस्तानी आई........
अमृतसर (नीरज): आई.सी.पी. (इंटैग्रेटिड चैक पोस्ट) अटारी बार्डर में भारत-पाक के बीच होने वाले कारोबार के हालात लगातार खतरनाक होते जा रहे हैं। कुलियों की हड़ताल के आज चौथे दिन भी भारत-पाक के बीच ट्रकों का आवागमन बंद रहा, जिससे पाकिस्तानी आई.सी.पी. में 500 के करीब ट्रक फंस गए हैं और भारतीय व्यापारियों का करोड़ों रुपए का माल भी फंस गया है। ड्राईफ्रूट जिसके खराब होने की संभावना बनी रहती है, क्योंकि इन दिनों नमी भी है। व्यापारी परेशान हैं कि वे क्या करें फिलहाल आई.सी.पी. में भारी अव्यवस्था देखने को मिल रही है।
जानकारी के अनुसार आज आई.सी.पी. में व्यापारी नेताओं जिसमें मुख्य रूप से दि फैडरेशन ऑफ करियाना एंड ड्राईफ्रूट कमॢशयल एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल मेहरा, इम्पोर्टर-एक्सपोर्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष राजदीप सिंह उप्पल, इंडो-फॉरैन चैंबर ऑफ कामर्स के अध्यक्ष बी.के. बजाज, जिप्सम इमेपोर्टर गुरसाजन बेदी, प्रदीप सहगल, सी.डब्ल्यू.सी. अधिकारियों, सी.एच.ए. एसोसिएशन के गण्यमान्यों, कस्टम अधिकारियों व कुली नेताओं के बीच काफी लंबे समय तक बैठक की गई, लेकिन यह बैठक पूरी तरह से निष्फल रही।
व्यापारियों ने बताया कि इस समय पाकिस्तानी सीमैंट, जिप्सम, रॉक साल्ट, ड्राईफ्रूट के ट्रक भारी संख्या में पाकिस्तानी आई.सी.पी. में खड़े हुए हैं और पाकिस्तानी आई.सी.पी. की ग्राऊंड भी भर गई है, जिसके चलते पाकिस्तानी क्षेत्र में भारत जाने वाले ट्रकों को आई.सी.पी. के बाहर खड़ा किया गया है। अफगानिस्तान से आने वाले ट्रक भी इसी कतार में खड़े किए गए हैं।
अपनी लेबर से अनलोङ्क्षडग करवाने की खुली ऑफर
कुलियों की हड़ताल अपनी परंपरागत लेबर लेने के लिए है, जिसको व्यापारी व ठेकेदार देने के लिए तैयार नहीं हैं। इन हालात में आई.सी.पी. की मैनेजमैंट ने भी व्यापारियों को खुली ऑफर दे दी है कि वे अपनी लेबर के जरिए भी पाकिस्तान से आयातित वस्तुओं की लोङ्क्षडग अनलोङ्क्षडग करवा सकते हैं, लेकिन इसमें भी समस्या यह है कि जो लेबर आई.सी.पी. पर काम करती है, उसे बकायदा आई.डी. कार्ड जारी किए गए हैं और उनकी पुलिस वैरीफिकेशन भी करवाई जाती है, यदि नई लेबर व्यापारी लेकर आते हैं तो उनके आई.डी. कार्ड बनाने में ही कई दिन लग सकते हैं।
कुछ अधिकारियों ने तो यहां तक कह दिया है कि यदि कुली आई.सी.पी. में काम करने को तैयार नहीं है तो उन्हें आई.सी.पी. के अन्दर नहीं घुसने दिया जाएगा। इन हालात में काफी गड़बड़ी भी हो सकती है क्योंकि आई.सी.पी. में 1500 के लगभग कुली काम करते हैं जो अटारी कस्बा के सीमावर्ती गांवों के निवासी हैं, उनका रोजगार छिनने पर वे भी चुप नहीं बैठेंगे और कड़ा संघर्ष कर सकते हैं।
सी.डब्ल्यू.सी. की व्यवस्था बुरी तरह से फेल
अटारी बार्डर पर देश की पहली आई.सी.पी. पर कारोबार शुरु होने के बाद यहां पर आयातित वस्तुओं के रख-रखाव व सुरक्षा की जिम्मेदार सी.डब्ल्यू.सी. व लैंड पोर्ट अथॉरिटी को दी गई है, लेकिन सी.डब्ल्यू.सी. की प्रबंधन व्यवस्था बुरी तरह से फेल नजर आ रही है। आए दिन लेबर किसी न किसी मुद्दे को लेकर हड़ताल कर रही है, जिससे व्यापारी बुरी तरह से परेशान हैं। व्यापारियों का कहना है कि सी.डब्ल्यू.सी. अपनी जिम्मेदारी निभाने में सफल नहीं हुई है, इसलिए इसकी जिम्मेदारी कस्टम विभाग को दे देनी चाहिए।
मौजूदा हालात में भी व्यापारी यही मांग कर रहे हैं कि सी.डब्ल्यू.सी. ने जो अपने टैरिफ रेट बनाए हैं, उनको लेबर पर लागू करवाया जाए, लेकिन लेबर सी.डब्ल्यू.सी. के कहने से बाहर है। त्यौहारी सीजन शुरू होने वाला है और उधर व्यापारियों का माल फंसा हुआ है जिससे नुक्सान होने की पूरी संभावना बनी हुई है।