Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Oct, 2017 11:36 PM
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने घरेलू हिंसाके मामले में एक अहम टिप्पणी करते हुए कहा है कि तीसरा पक्ष या अजनबी संबंधित केस की कार्रवाई के दौरान कुछ कहने का हकदार नहीं है, भले ही वह पहली पत्नी क्यों न हो। ...
चंडीगढ़(बृजेन्द्र): पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने घरेलू हिंसाके मामले में एक अहम टिप्पणी करते हुए कहा है कि तीसरा पक्ष या अजनबी संबंधित केस की कार्रवाई के दौरान कुछ कहने का हकदार नहीं है, भले ही वह पहली पत्नी क्यों न हो।
वहीं हाईकोर्ट बैंच ने यह भी साफ किया कि जो महिला पहली पत्नी होने का दावा करती हो वह भी उस केस की सुनवाई में दखलअंदाजी नहीं कर सकती जिसमें उसके कथित पति के खिलाफ अन्य महिला ने पत्नी के रूप में घरेलू हिंसा मामले में राहत मांगी हो। ये आदेश एक महिला द्वारा अपने पति व अन्य के खिलाफ दायर घरेलू ङ्क्षहसा के मामले में दिए गए हैं। हाईकोर्ट ने याची महिला की बिजली काटे जाने के मुद्दे पर तुरंत फैसला लेने के आदेश दिए ताकि याची महिला सम्मान के साथ वहां रह सके। याची पत्नी की अक्तूबर, 2013 में शादी हुई थी। आरोप के मुताबिक याची का पति छोटी-मोटी बातों पर उसका शोषण और पिटाई करता था। इसी मामले में गुडग़ांव कोर्ट मैजिस्टे्रट ने नवम्बर, 2015 के आदेशों में पति पर पत्नी को घर से निकालने पर रोक लगाई थी।पर माथा टेकने के बाद दिल्ली रवाना हो गया। उनका कारोबार देश और विदेश में था।