Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Oct, 2017 08:38 AM
बुधवार की रात को नई अनाज मंडी के खाद डीलर मोनिक जिंदल (42) की हुई हत्या का मामला अब गर्मा रहा है परंतु कत्ल के 48 घंटे बाद भी पुलिस के हाथ खाली नजर आ रहे हैं। वारदात के 13 घंटे बाद हलका विधायक और कैबिनेट मंत्री साधु सिंह धर्मसोत ने परिवार को मिलने...
नाभा (जैन) : बुधवार की रात को नई अनाज मंडी के खाद डीलर मोनिक जिंदल (42) की हुई हत्या का मामला अब गर्मा रहा है परंतु कत्ल के 48 घंटे बाद भी पुलिस के हाथ खाली नजर आ रहे हैं। वारदात के 13 घंटे बाद हलका विधायक और कैबिनेट मंत्री साधु सिंह धर्मसोत ने परिवार को मिलने के बाद प्रैस कान्फ्रैंस में बयान दिया था कि 24 घंटे के अंदर-अंदर कातिलों को गिरफ्तार करने के लिए निर्देश दिए गए हैं। डी.एस.पी. चंद सिंह के अनुसार फोरैंसिक टीम ने फिंगर प्रिंट ले लिए हैं। कम्प्यूटर/सी.सी.टी.वी. फुटेज खंगाली जा रही है। एस.पी. (डी) और डी.आई.जी. डा. सुखचैन सिंह गिल, एस.एस.पी. डा. एस. भूपति की तरफ से जांच की जा रही है।
आई.जी. ए.एस. राय के अनुसार कातिलों का सुराग जल्दी ही मिल जाएगा क्योंकि उन्होंने किसी साजिश अधीन नौजवान को निशाना बनाया और कनपटी पर गोली मार दी। मजे की बात है कि पगड़ीधारी नकाबपोश सैकेंडों में कत्ल करके फरार हो गया। दुकान में पड़ी लगभग 4 लाख रुपए की नकदी को हाथ नहीं लगाया, जिससे स्पष्ट है कि कातिल केवल कत्ल करने की मंशा के साथ आया था न कि लूटपाट करने के लिए। भारतीय किसान यूनियन, राइस मिलर्ज, आढ़ती एसोसिएशन और व्यापारियों की तरफ से मांग की गई है कि कातिल का सुराग लगाया जाए, जिससे दहशत का माहौल खत्म हो सके। वर्णनीय है कि 45 महीने पहले यहां अलौहरांं गेट चौक के ए.टी.एम. केंद्र के सामने वैन में से लुटेरे दिन-दिहाड़े फायरिंग करके 37 लाख रुपए की लूट और गनमैन की हत्या करके फरार हो गए थे। फिर 10 महीनों बाद इसी ए.टी.एम. में से 23 लाख 70 हजार रुपए लूट कर ले गए परंतु आज तक पुलिस के हाथ खाली हैं। पिछले साल 27 नवम्बर के जेल ब्रेक मामले में भी फरार 2 गैंगस्टर/आतंकवादी अभी तक पुलिस की पकड़ से बाहर हैं जो पंजाब पुलिस और खुफिया एजैंसियों के लिए बहुत बड़ा प्रश्नचिन्ह हैं।
सी.एम. जिले की चौकसी नाकाम : लोगों में चर्चा है कि मुख्यमंत्री के जिले और कैबिनेट मंत्री के शहर में कानून व्यवस्था बिगड़ रही है। बार-बार दावों के बावजूद पुलिस के हाथ खाली हैं। अधिकारी कहते हैं कि चौकों में सी.सी.टी.वी. कैमरे निगरानी करते हैं परंतु वारदातों के समय यह कैमरे कहां गायब हो जाते हैं समझ से बाहर है।