Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Jun, 2017 02:01 PM
नगर के टेल एंड पर बसी व ढांगू पीर क्षेत्र में स्थित प्राचीन पहाड़ी, जिस संबंधी बारम्बार ‘पंजाब केसरी’ ने संबंधित विभाग को समय-समय पर आगाह किया था, इस दुर्लभ एवं दशकों पुरानी पहाड़ी को अगर समय रहते बचाया न गया तो वह अपना अस्तित्व खो सकती है
पठानकोट(शारदा): नगर के टेल एंड पर बसी व ढांगू पीर क्षेत्र में स्थित प्राचीन पहाड़ी, जिस संबंधी बारम्बार ‘पंजाब केसरी’ ने संबंधित विभाग को समय-समय पर आगाह किया था, इस दुर्लभ एवं दशकों पुरानी पहाड़ी को अगर समय रहते बचाया न गया तो वह अपना अस्तित्व खो सकती है ।पिछले कई सालों से चक्की खड्ड में आने वाली बाढ़ के कारण इस पहाड़ी की बुनियादें खोखली हो चुकी थीं तथा आए दिन कभी टुकड़ों तो कभी मलबों के रूप में गिरकर यह पहाड़ी निरंतर अपना सुंदर स्वरूप व काया खोती जा रही थी।
इसी कड़ी में आशंकाओं के अनुरूप प्रकृति ने अपना रौद्र रूप अंतत: दिखा दिया। पुराने रेलवे पुल के साथ सटी प्राचीन पहाड़ी देखते ही देखते महज कुछ ही क्षणों में दो-तिहाई रूप से भारी मलबे के साथ चक्की खड्ड में जा गिरी व कुछ ही क्षणों में जल समाधि ले गई। टनों के हिसाब से गिरे पहाड़ी के मलबे के वेग ने खड्ड में बह रहे पानी की धार को कुछ समय के लिए रोक दिया। बुजुर्गों ने कहा कि पहाड़ी के जलमग्र होने व इसका स्वरूप खोने से ढांगू क्षेत्र ने अपने नीम पहाड़ी क्षेत्र होने की प्रासंगिकता खो दी है।