Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Jun, 2017 12:07 PM
हालांकि जी.एस.टी. को लागू होने में अब मात्र 16 दिन शेष बचे हैं। अभी भी सैंकड़ों ऐसे व्यापारी हैं जिन्हें अभी तक जी.एस.टी. नंबर नहीं मिल पाया।
होशियारपुर (जैन): हालांकि जी.एस.टी. को लागू होने में अब मात्र 16 दिन शेष बचे हैं। अभी भी सैंकड़ों ऐसे व्यापारी हैं जिन्हें अभी तक जी.एस.टी. नंबर नहीं मिल पाया। करियाने के कारोबार से जुड़े शहर के प्रमुख व्यापारी गुप्ता वस्तु भंडार कमेटी बाजार के मालिक सुकेश गुप्ता ने आज बातचीत में अपनी व्यथा सुनाते हुए कहा कि अगर जी.एस.टी. का नंबर लेने के लिए औपचारिकताएं पूरी करते-करते सिर घूमने लगा है तो इसके लागू होने के उपरांत व्यापारियों की क्या दशा होगी।
श्री गुप्ता ने बताया कि जी.एस.टी. नंबर एप्लाई करने के लिए विभाग द्वारा कहा गया है कि वह जो साजो-सामान बेचते हैं उनमें से कुछ आइटमों के कोड बताना जरूरी है। श्री गुप्ता ने कहा कि आज सुबह जब मैं कम्प्यूटर पर बैठा तो जी.एस.टी. पोर्टल खोलने पर मालूम पड़ा कि देश भर के विभिन्न कारोबारों से जुड़े 72 पेजों के जी.एस.टी. पोर्टल में ये तमाम आइटम कोड दर्ज हैं।
इनमें किसी भी ट्रेड को अलग-अलग करके नहीं दर्शाया गया। मैंने जब चाय का आइटम कोड ढूंढना शुरू किया तो 20 तरह के कोड अंकित थे। इसी प्रकार कॉफी के 28 कोड, ऑयल व शूगर के 20-20 कोड दिखाई दिए।सुकेश गुप्ता के अनुसार उनकी पूरी दिहाड़ी कोड ढूंढने में लग गई लेकिन कुछ पल्ले नहीं पड़ा। श्री गुप्ता ने रोषपूर्वक कहा कि सरकार जी.एस.टी. लागू करने की दुहाई दे रही है लेकिन ग्राऊंड लैवल पर व्यापारियों को किस कदर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, इसकी कोई जवाबदेही नहीं।