Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Sep, 2017 09:13 AM
गढ़शंकर के कुल 13 वार्डों में पिछले काफी समय से अनेकों महत्वपूर्ण स्थानों पर स्ट्रीट लाइटें या तो खराब पड़ी हैं या फिर ये जलाई नहीं जातीं।
गढ़शंकर (शोरी): गढ़शंकर के कुल 13 वार्डों में पिछले काफी समय से अनेकों महत्वपूर्ण स्थानों पर स्ट्रीट लाइटें या तो खराब पड़ी हैं या फिर ये जलाई नहीं जातीं। आलम यह बन चुका है कि सूर्य अस्त होते ही शहर के ज्यादातर हिस्से अंधेरे में डूब जाते हैं व समाज विरोधी तत्वों के लिए यह समय वारदातों को अंजाम देने वाला बन जाता है।
आम लोगों की सुनें तो पता चलता है कि वे लोग कई बार अलग-अलग कौंसलरों व नगर कौंसिल के कार्यालय में जाकर बात बता चुके हैं पर कार्रवाई न होने से लोग खुद को लाचार व बेबस पा रहे हैं। स्ट्रीट लाइटें तो एक तरफ यहां के मुख्य मार्गों जिनमें बंगा चौक, मुख्य बस स्टैंड, नंगल चौक का क्षेत्र शामिल हैं, में पिछले कई महीनों से लाइटें बंद पड़ी हैं। ऐसा लग रहा है कि लोगों की सुविधाओं से किसी को कोई लेन-देन नहीं है यूं कहने को यहां हर पार्टी में प्रदेश स्तरीय नेताओं की लंबी-चौड़ी सूची है पर इस छोटे से समझे जाने वाले काम को करवाने में न जाने वे क्यों असमर्थ पड़े हैं। स्ट्रीट लाइटें व मुख्य मार्गों पर लगी लाइटें जल्द ठीक की जाएं, यह लोगों की मांग है और नगर कौंसिल के अधिकारियों को इस जन-समस्या पर तुरंत ध्यान देना चाहिए।
निजी खर्चे से जल रही लाइटें
शहर में अलग-अलग वार्डों व गलियों में लोगों से जब सम्पर्क किया गया तो पता चला कि स्ट्रीट लाइटें न जलने के कारण ज्यादातर लोग अपने घरों से गलियों में लाइटें जला रहे हैं। रही बात कौंसिल की तो उन लोगों के कहने पर भी कोई सुनवाई नहीं होती।
क्या कहना है अधिकारियों का
स्ट्रीट लाइटों के नगर कौंसिल के प्रभारी सोमनाथ से जब इस जन-समस्या के प्रति पूछा गया तो उन्होंने बताया कि शहर में कुल 1600 के करीब लाइटें हैं जिनमें से 80 फीसदी हमेशा जलती हैं। बंगा चौक में फ्लड लाइटों का ज्यादा लोड होने, नंगल चौक में एक तार टूटने के कारण बंद पड़ी लाइटों को जल्द ठीक करवा देने का उन्होंने आश्वासन दिया। जब उनसे लोगों की शिकायत पर कार्रवाई न होने की बात पूछी गई तो उन्होंने कहा कि शहर के किसी भी हिस्से में यदि लाइटें खराब हों तो उनके ध्यान में लोग लाएं वह तुरंत उनको ठीक करवाने का काम करेंगे।
स्वयं क्यों नहीं देते ध्यान
लोगों का कहना है कि जब भी कोई स्ट्रीट लाइट खराब होती है तो नगर कौंसिल क्यों इस बात की प्रतीक्षा करती है कि उसके ध्यान में समस्या लाई जाए। क्यों जिम्मेदार अधिकारी स्वयं रात के समय चैक नहीं करते की कहां-कहां लाइटें बंद पड़ी हैं।