Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Mar, 2018 02:15 PM
कैनेडा जाने का जनून भारतीयों खास कर पंजाबियों के सिर चढ़ कर बोलता है।
ओटावा/चंडीगढ़ः कैनेडा जाने का जनून भारतीयों खास कर पंजाबियों के सिर चढ़ कर बोलता है। हर कोई चाहता है कि वह अपने पैरों पर खड़ा हो इस लिए वह विदेश जाकर पढ़ाई करके मोटी कमाई करने के सपने देखता है। बहुत से लोग अपनी मंजिल पा भी लेते हैं परन्तु इनमें से कईयों को बहुत पापड़ बेलने पड़ते हैं।
ऐसे ही पंजाबी विद्यार्थियों की व्यथा कैनेडा से आए सुखी बाठ ने सुनाई। उसने बताया कैनेडा में पंजाबी नौजवानों को बहुत सी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। उसने बताया कि बहुत से नौजवान कैनेडा में पढ़ाई करने के लिए तो गए परन्तु मोटी फीसों ने उन्हें या तो वापस आने के लिए मजबूर कर दिया है या उन्होंने गलत राह पकड़ ली।
चंडीगढ़ में चल रही विश्व पंजाबी कांफ्रैंस के प्रवासी सैशन दौरान यह बातें सुखी बाठ ने सांझा की। उसके अलावा यहां कैनेडा से इकबाल माहलस मनमोहन महेड़ू, हरजीत अटवाल और जैदीप सिंह ने भी हिस्सा लिया। सुखी बाठ ने बताया कि पिछले साल तकरीबन एक लाख विद्यार्थी पंजाब से कैनेडा गए हैं, जिन्होंने अलग -अलग संस्थाओं में 88 हजार करोड़ रुपए तक की फीस भरनी पड़ी। बाठ ने बताया कि इतना पैसा खर्च करने के बावजूद बहुत से नौजवानों को गलत काम करना पड़ता है। कई नौजवान नशे के दलदल में फंस गए हैं। उन्होंने कहा कि यह मन्दभागी बात है कि पंजाबी नौजवान एक -दूसरे के पीछे लग कर विदेशों की तरफ भागते हैं और फिर यहां रहने के लिए गलत रास्ते पर पड़ रहे हैं। बाठ ने कहा कि विदेश जाने के चक्कर में बहुत से लोग यह भी पता नहीं करते कि जिन यूनिवर्सिटियों और कालेजों में उनका दाखिला होने जा रहा है, वह नकली तो नहीं। इसी कारण बहुत से नौजवान गलत लोगों के शिकार हो जाते हैं। यहां उनहोंने यह भी कहा कि हर नौजवान की हालत ऐसी नहीं है। बहुत से नौजवान बहुत अच्छा काम करते हैं, जिन पर उन्हें गर्व है।