Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Jul, 2017 10:01 AM
रक्षाबंधन के पावन पर्व के आगमन को महज चंद दिनों का समय बचा है। अब की बार यह पर्व 7 अगस्त को आ रहा है। इसे लेकर जहां एक ओर लाखों बहनें अपने जान से प्यारे भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर बहन-भाई के अमर प्रेम के प्रतीक इस पर्व की शोभा को गौरवांवित करने...
फगवाड़ा (जलोटा): रक्षाबंधन के पावन पर्व के आगमन को महज चंद दिनों का समय बचा है। अब की बार यह पर्व 7 अगस्त को आ रहा है। इसे लेकर जहां एक ओर लाखों बहनें अपने जान से प्यारे भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर बहन-भाई के अमर प्रेम के प्रतीक इस पर्व की शोभा को गौरवांवित करने हेतु बेसब्री से इंतजार कर रही हैं। वहीं फगवाड़ा एवं आसपास के गांवों, कस्बों एवं शहरों में ऐसी अनेक अभागी बहनें भी देखने को मिल रही हैं जिनके भाई किसी कारणवश विदेशी जेलों में बंद हैं।
इन बहनों को अपने भाइयों का आज भी उतनी ही उत्सुकता से इंतजार है जितना वर्षों पहले घर से रोजी रोटी कमाने का वायदा कर अपनी धरती को अलविदा कहते हुए इस वायदे से रवाना हुए थे कि वे विदेश में सैटल होकर जल्द भारत वापस आ जाएंगे। सबसे ज्यादा खौफ जदा वे परिवार हैं जिनके लाडले ईराक, सीरिया व मध्य एशिया में बने हुए संकटमय हालात के बीच वहां पर रहकर काम कर रहे हैं। ‘पंजाब केसरी’ के साथ ऐसे ही कुछ परिवारों से संबंधित अभागी बहनों ने अपना व अपने भाई का नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उनके भाई शातिर कबूतरबाजों के चुंगल में फंसकर उल्टे-सीधे रास्तों से विदेश गए थे। तब उन्होंने अपने भाइयों एवं संबंधित परिवार वालों को बहुत समझाया था कि वे गलत तरीकों से इन्हें कबूतरबाजों के हत्थे चढ़कर विदेश न भेजें, लेकिन उनकी किसी ने एक न सुनी थी।
परिणामस्वरूप आज उनके घरों की हालत यह है कि जो कुछ था वह विदेश भेजने में कबूतरबाज ठग एजैंट कबूतरबाजी की आढ़ में उनसे ठगकर ले गए और आज यह तक पता नहीं चल पा रहा है कि उनके प्यारे भाई विदेशों में कहां पर हैं? वे किसी जेल में बंद हैं या विदेशी धरती में जंगलों में भटक रहे हैं।
कुछ बहनों ने तो यहां तक कह डाला कि उनको अथवा उनके परिजनों को तो यह तक पता नहीं चल पा रहा है कि उनके भाई जिंदा भी हैं या उनकी मौत हो चुकी है? कुछ बहनों ने कहा कि वे पिछले कई वर्षों से हर साल रक्षाबंधन के आगमन पर यही आस लेकर राखी की थाली सजा बैठती हैं कि आज उनका वीरा अचानक घर आएगा और वे अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर अपनी सालों से अधूरी इच्छा को पूरा कर लेगीं, लेकिन गत वर्षों में ऐसा कुछ नहीं घटा है। हमारी आशा और उम्मीद अभी जस की तस बाकी है। अब जब रक्षाबंधन पर्व जिसे आने में बहुत कम समय बाकी बचा है, के मौके पर उनके दिलों में फिर वह इच्छा पुन: जागृत हो रही है।
कबूतरबाजी कर रातों-रात करोड़पति बनते चले जा रहे हैं कबूतरबाज
अपने भाइयों का इंतजार कर रही इन अभागी बहनों का क हना है कि फगवाड़ा में आज भी कई कबूतरबाज बड़े स्तर पर कबूतरबाजी कर मासूम युवकों को विदेशी धरती का प्रलोभन देकर जमकर कबूतरबाजी कर रातों-रात करोड़पति बनते चले जा रहे हैं। उक्त बहनों ने पंजाब सरकार एवं जिला कपूरथला पुलिस के पुलिस तंत्र से पुरजोर मांग की कि पुलिस ऐसे कबूतरबाजों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई कर इन्हें जेल की सलाखों के पीछे धकेले, क्योंकि वे नहीं चाहती हैं कि उनकी भांति कोई और बहन आने वाले रक्षाबंधन पर्व पर उनकी श्रेणी में शुमार हो और कबूतरबाजों के हत्थे चढ़कर अपने विदेश गए भाइयों की राह ताके। वे नहीं चाहती हैं कि फिर से माल्टा कांड जैसी कोई घटना घटे, वे नहीं चाहती हैं कि कबूतरबाजों के इशारों पर चलकर कोई भाई अवैध ढंग से किसी देश की सीमा लांघे और फिर वहां की सेना द्वारा पकड़े जाने पर विदेशी धरती की जेल में जेल काटें।
वर्णनयोग्य है कि फगवाड़ा एवं आसपास के कस्बों में पूर्व में ऑन रिकार्ड ऐसी बहुत सी घटनाएं सामने आई हैं, जहां युवकों के विदेशी जेल में जेल काटने की सूचना अथवा विदेशी धरती में अवैध तरीके से प्रवेश करते हुए पंजाबी युवकों के पकड़े जाने के बाद विदेशी सेनाओं के हाथों गोली लगने से उक्त युवक मारे गए हैं। आज भी विदेशी जेलों में एक नहीं सैंकड़ों पंजाबी युवकों के कबूतरबाजी करने के दौरान पकड़े जाने पर विदेशी जेलों में बंद होने की सूचना फगवाड़ा सहित आसपास के कई गांवों में अक्सर सुनी जा सकती है।
पाकिस्तान की जेलों में बंद भाइयों की हो जल्द रिहाई
‘पंजाब केसरी’ के साथ वार्तालाप दौरान अनेक बहनों ने 7 अगस्त को रक्षाबंधन के पावन पर्व के आगमन पर परमात्मा के समक्ष अरदास की कि पाकिस्तान की जेलों में बंद पंजाब के वीर सपूत व भारत-पाकिस्तान युद्ध दौरान पाकिस्तान द्वारा बंदी बनाए गए भारतीय युद्ध बंदियों की जल्द से जल्द रिहाई हो। कुछ बहनों ने कहा कि वे पंजाब केसरी के माध्यम से पाकिस्तान सरकार से यही कहेगीं कि वे रक्षाबंधन पर्व से पहले अपने यहां जेलों में बंद सभी भारतीय वीरों को रिहा कर पूरी दुनिया को इंसानियत का संदेश दे।