Edited By Updated: 19 Apr, 2017 10:14 AM
शिरोमणि अकाली दल (दिल्ली) के महासचिव हरविंद्र सिंह सरना ने गत दिनों तख्तों के जत्थेदारों के बीच पड़े आपसी क्लेश पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि अकाल तख्त साहिब की तौहीन के लिए मुख्य तौर पर ज्ञानी गुरबचन सिंह जिम्मेदार है
जालंधर (चावला): शिरोमणि अकाली दल (दिल्ली) के महासचिव हरविंद्र सिंह सरना ने गत दिनों तख्तों के जत्थेदारों के बीच पड़े आपसी क्लेश पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि अकाल तख्त साहिब की तौहीन के लिए मुख्य तौर पर ज्ञानी गुरबचन सिंह जिम्मेदार है जिसने पक्षपात वाली भूमिका निभा कर डेरा सिरसा प्रमुख जैसे ‘पंथ दोखियों’ को माफी देकर सिद्धांतों और परम्परा का हनन किया है, जिसकी भरपाई भविष्य में होनी संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि ‘देर आयद दुरुस्त आयद’ की कहावत अनुसार तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी गुरमुख सिंह ने पूरी तरह सही स्टैंड लिया है कि पांच सिंह साहिबान की मीटिंग श्री गुरु ग्रंथ साहिब की हजूरी में श्री अकाल तख्त साहिब में होनी चाहिए ताकि झूठ बोलने वालों को गुरु साहिब का डर बना रहे। बंद कमरे में की गई मीटिंग कई तरह की शंकाएं प्रकट करती है।
उन्होंने कहा कि पंथ का नुक्सान किया गया है तथा श्री अकाल तख्त साहिब की परम्पराओं की हानि हुई है एवं ये सब कुछ ज्ञानी गुरबचन सिंह के कार्यकाल में हुआ है। उन्होंने कहा कि डेरा सिरसा प्रमुख की चि_ी का सच सामने आना चाहिए कि यह चि_ी कौन लेकर आया था तथा उसको पेश हुए बिना माफी देने के पीछे क्या रहस्य था? उन्होंने कहा कि सिरसा प्रमुख की माफी का सच बाहर आने से बादल परिवार की पर्दे के पीछे पक रही खिचड़ी की हांडी भी बाहर आ जाएगी तथा संगतों को जानकारी मिलेगी कि कुर्सी के लिए सिख कौम का नुक्सान करने के लिए ये लोग कहां तक जा सकते हैं। उन्होंने प्रश्न किया कि जो लोग सिख घरों में पैदा होकर मर्यादा पर पहरा नहीं दे सके, क्या वे श्री अकाल तख्त साहिब की मर्यादा पर पहरा दे सकते हैं? उन्होंने कहा कि बादल परिवार ने जत्थेदारों को गुलाम बना दिया है।