Edited By Updated: 16 Jan, 2017 11:16 AM
चुनाव की चर्चा बेशक आज जहां लाऊड स्पीकरों द्वारा गली मोहल्लों में नहीं गूंज रही है पर सुबह-सुबह चाय की दुकानों, ढाबों पर, सैर करने आए लोग कहर की ठंड में एक-दूसरे से नई सरकार से रखी जा रही उम्मीदों की बातें करके गर्म होते दिखे।
कपूरथला (गुरविन्द्र कौर): चुनाव की चर्चा बेशक आज जहां लाऊड स्पीकरों द्वारा गली मोहल्लों में नहीं गूंज रही है पर सुबह-सुबह चाय की दुकानों, ढाबों पर, सैर करने आए लोग कहर की ठंड में एक-दूसरे से नई सरकार से रखी जा रही उम्मीदों की बातें करके गर्म होते दिखे। दिन चढ़ते ही बूढ़े, जवान चुनाव की चर्चा शुरू कर देते हैं व नई पीढ़ी बुजुर्गों से लोकतंत्र का अर्थ पूछकर अपने मताधिकार पर मान महसूस कर रही है और पहली वोट डालने वाला नौजवान कहता है कि बापू अब की बार उसी सरकार को वोट डालनी है जो हर इंसान की आवश्यक जरूरतें पूरी करे। जो जात-पात के वैर-विरोध से दूर हो व नौजवानों को रोजगार दे।
क्या है लोगों का कहना
सरकारें आती हैं और चली जाती हैं पर पता नहीं क्यों आम लोगों की वोट लेकर मंत्री व लीडर बने लोग अपनी जिम्मेदारी को भूल जाते हैं। जरूरत है पढ़े-लिखे व ईमानदार लोगों के आगे आने की ताकि आमजन खुशहाल रहें व लोकतंत्र में लोगों का विश्वास बना रहे।
अरजिन्द्र सिंह
चुनाव के दौरान विभिन्न पार्टियों द्वारा अपने चुनाव मैनीफैस्टो जारी किए जाते हैं व कई प्रकार के लोगों को भरमाने के लिए वायदे किए जाते हैं लेकिन उनमें से अधिकतर वफा नहीं होते। राजनीतिक पार्टियों को चाहिए कि केवल वही वायदे लोगों से किए जाएं जिनको वे पूरा कर सकें न कि लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ किया जाए।
अमरीक सिंह
आजकल शिक्षा प्रत्येक वर्ग व परिवार के बच्चों के लिए जरूरी है। सरकार को ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए जिससे जरूरतमंद व गरीब परिवारों के बच्चों को भी शिक्षा हासिल करने का हक मिल सके। आर्थिक तौर पर कमजोर परिवारों के बच्चों की शिक्षा के लिए नीतियां बनाने व उन पर अमल करने की जरूरत है।
हरदीप सिंह
व्यापारी वर्ग सरकार की अनदेखी का शिकार रहता है। वायदे तो किए जाते हैं पर उनकी पूॢत नहीं होती। सरकार ऐसी हो जो शैलर संचालकों व अन्य व्यापारियों को राहत दे और उनका सम्मान बहाल रखे, क्योंकि व्यापारियों को विभिन्न विभागों के अधिकारियों द्वारा अक्सर परेशान किया जाता है।
साहब सिंह
उम्मीद करते हैं कि प्रदेश में बनने वाली नई सरकार सड़कों पर घूम रही बेसहारा गायों व पशुओं के लिए विशेष प्रबंध करेगी क्योंकि ये हादसों का कारण बनते हैं। यही नहीं, सरकार से अग्रणी होकर पशुओं की संभाल के लिए काम में भूमिका अदा कर रही संस्थाओं की मदद की भी आस रहेगी।
रवनीत सिंह