Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Jul, 2017 09:27 AM
बरसात का मौसम शुरू हो चुका है। इस मौसम में सर्पदंश की घटनाएं वर्ष में समय-समय पर बदलने वाले दूसरे मौसमों की तुलना में प्रत्येक वर्ष ज्यादा घटती हैं। जिला स्तरीय सिविल अस्पताल के वार्षिक आंकड़े पर गौर करें तो पूरे वर्ष में जहां .........
मोगा (संदीप): बरसात का मौसम शुरू हो चुका है। इस मौसम में सर्पदंश की घटनाएं वर्ष में समय-समय पर बदलने वाले दूसरे मौसमों की तुलना में प्रत्येक वर्ष ज्यादा घटती हैं। जिला स्तरीय सिविल अस्पताल के वार्षिक आंकड़े पर गौर करें तो पूरे वर्ष में जहां 20 से 30 मरीज सर्पदंश के कारण अस्पताल पहुंचते हैं, वहीं उनमें से आधे से ज्यादा मरीज बरसात के मौसम में अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचते हैं।
पिछले 5 सालों के स्वास्थ्य विभाग के रिकार्ड के मुताबिक प्रत्येक वर्ष सर्पदंश से प्रवासी मजदूरों तथा खेत में काम करने वाले 3 या 4 खेती मजदूरों की मौत हो जाती है। सिविल अस्पताल में आने वाले इस तरह के मरीजों में खेतीबाड़ी मजदूरों के साथ-साथ घरेलू महिलाएं भी शामिल होती हैं। सिविल अस्पताल प्रशासन ने सर्पदंश पीड़ितों के इलाज के लिए पुख्ता प्रबंध तथा एंटी स्नेक वैनम के अतिरिक्त स्टॉक होने की पुष्टि की है।
क्वार्टरों में रहते दर्जा चारकर्मचारियों के परिवारों पर जहरीले सांपों का खतरा
पिछले सप्ताह स्थानीय जिला स्तरीय सिविल अस्पताल की पिछली तरफ बने दर्जा चार कर्मचारियों के क्वार्टरों में से एक ही दिन में 2 सांप पकड़े गए थे, जबकि कई और जहरीले सांप भी देखे गए थे, लेकिन सांपों को पकडऩे के माहिर सपेरे की मदद लेने के बावजूद भी उनको पकड़ा नहीं जा सका। इस कारण इन क्वार्टर निवासियों में दहशत का माहौल है तथा उनको अपने क्वार्टरों के बाहर अक्सर खेलने वाले छोटे-छोटे बच्चों पर इन सांपों के खतरे का डर भी सता रहा है।
इलाज के लिए सांप की प्रजाति का पता लगाना जरूरी
मैडीकल स्पैशलिस्ट डा. सीमांत गर्ग तथा सिविल अस्पताल के एस.एम.ओ. डा. राजेश अत्तरी ने बताया कि सांप के डंक से पीड़ित किसी भी व्यक्ति का इलाज करने के लिए उसको डसने वाले सांप के जहरीले होने या न होने की पुष्टि भी जरूरी होती है, क्योंकि कई सांप बहुत ही जहरीले होते हैं। पीड़ित के लिए यह बताना बहुत ही मुश्किल होता है, क्योंकि वह दहशत के कारण घबराया होता है, जिसके कारण डाक्टर को मरीज का इलाज उसकी हालत को देखते हुए करना पड़ता है। उन्होंने लोगों से अपील की कि यदि समय पर सांप के काटने से पीड़ित व्यक्ति को अस्पताल लाया जाए तो उसकी जान बचाई जा सकती है।
पिछले महीने के दौरान इन्हें करवाया गया भर्ती
जसविन्द्र कौर मोगा, इकबाल सिंह कडिय़ाल, परमजीत राऊके कलां, मोठांवाली से सुखदेव सिंह, सर्बजीत गांव जनेर, गुरमीत सिंह सहित कई मरीज सिविल अस्पताल में दाखिल करवाए गए हैं, जिनका अस्पताल के माहिर डाक्टरों की ओर से सफल इलाज कर उनकी कीमती जानें बचाई गईं।