Edited By Updated: 27 Jan, 2017 10:53 AM
तीन राज्यों से घिरा हुआ पंजाब का अंतिम जिला पठानकोट सैन्य बल की नजर से भी खास है। पठानकोट में होने वाली राजनीतिक गतिविधियों पर जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के लोगों की भी नजर टिकी रहती है।
पठानकोटः तीन राज्यों से घिरा हुआ पंजाब का अंतिम जिला पठानकोट सैन्य बल की नजर से भी खास है। पठानकोट में होने वाली राजनीतिक गतिविधियों पर जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के लोगों की भी नजर टिकी रहती है।
पठानकोट की आबादी में करीब 45 फीसद हिस्सेदारी जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के लोगों की है। ये लोग पंजाब के मतदाता भी नहीं हैं, लेकिन यहां की राजनीतिक गतिविधियों पर पूरी नजर व दिलचस्पी रखते हैं। पठानकोट, हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर के लोगों के बीच एक अंतर है। पठानकोट के लोग विधानसभा चुनाव पर बोलते हैं, जबकि दूसरे राज्यों के लोग केवल सुनते हैं। यहां के लोगों में जागरूकता इतनी कि प्रचार के लिए निकलने वाले हर ऑटो की तरफ आंख उठा कर जरूर देख लेते हैं।
अहम बात यह है कि पठानकोट के लोगों की रिश्तेदारी ज्यादातर हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में हैं। जम्मू के कठुआ और हिमाचल प्रदेश के डलहौजी तक के लोग खरीदारी करने के लिए पठानकोट आते हैं। यही कारण है कि इन दोनों राज्यों के लोगों की रुचि पठानकोट की राजनीतिक गतिविधियों में ज्यादा रहती है।