Edited By Updated: 24 Jan, 2017 08:35 AM
एक तरफ जहां शहर के अंदर बेकाबू हुए ट्रैफिक के कारण लगने वाला जाम लोगों के लिए सिरदर्दी पैदा करता है, वहीं इस ट्रैफिक की समस्या में कुछ वाहनों द्वारा अपनी मनमर्जियां भारी वृद्धि करती हैं।
कपूरथला (गुरविन्द्र कौर): एक तरफ जहां शहर के अंदर बेकाबू हुए ट्रैफिक के कारण लगने वाला जाम लोगों के लिए सिरदर्दी पैदा करता है, वहीं इस ट्रैफिक की समस्या में कुछ वाहनों द्वारा अपनी मनमर्जियां भारी वृद्धि करती हैं। दूसरी तरफ शहर की सड़कों पर बेकाबू होकर दौडऩे वाले ओवरलोडिड ट्रक-ट्राले भी जहां ट्रैफिक व्यवस्था को बिगाड़ते हैं, वहीं रोजाना होने वाले जानलेवा सड़क हादसों का भी कारण बनते हैं।
ट्रकों को मोडीफाई करके बनाए ट्राले
शहर की सड़कों पर ऐसे अनेकों ट्रक देखने को मिलते हैं जिनको मोडीफाई करवा कर 30 फुट से 36 फुट तक किया गया है जो जहां ट्रैफिक नियमों का मजाक उड़ाते हैं, वहीं रोजाना होने वाले जानलेवा सड़क हादसों का भी कारण बनते हैं। ऐसे ट्रक सरेआम ट्रैफिक पुलिस को मुंह चिढ़ाते हुए सड़कों पर मौत के दानव बनकर घूमते हैं, वहीं रोजाना होने वाले जानलेवा सड़क हादसों का भी कारण बनते हैं।
क्या कहते हैं आंकड़े
पुलिस विभाग के पिछले लगभग सवा 3 वर्ष के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो वर्ष 2016 में राज्य में लगभग 1454 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं जिनमें लगभग 716 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और 736 लोग गम्भीर जख्मी हुए हैं। इन घटनाओं के लिए जहां बेलगाम भारी वाहनों के चालक भी जिम्मेदार हैं जिन्होंने ऐसे ट्रक जिनको दोगना बढ़ाया है। वहीं ट्रैफिक पुलिस का भी कम योगदान नहीं जो ऐसे ट्रक चालकों के मालिक के खिलाफ कार्रवाई करने की बजाय सिर्फ छोटे वाहन चालकों पर ही अपना पुलिसिया डंडा चलाने को अपनी ड्यूटी समझती है।