Edited By Punjab Kesari,Updated: 07 Nov, 2017 11:08 AM
हर में में नशा तस्करों की गुंडागर्दी किसी से छिपी नहीं है। तस्कर आए दिन किसी न किसी बढ़ी वारदात को अंजाम देने से बाज नहीं आते। वहीं पुलिस भी इन पर रोक लगाने में नाकामयाब सी साबित हो रही है। यह तस्कर अपने खिलाफ उठती आवाज को दबाने के लिए किसी भी हद तक...
अमृतसरः शहर में में नशा तस्करों की गुंडागर्दी किसी से छिपी नहीं है। तस्कर आए दिन किसी न किसी बढ़ी वारदात को अंजाम देने से बाज नहीं आते। वहीं पुलिस भी इन पर रोक लगाने में नाकामयाब सी साबित हो रही है। यह तस्कर अपने खिलाफ उठती आवाज को दबाने के लिए किसी भी हद तक चले जाते हैं। नशा तस्करी का ताजा मामला हमारे पास अमृतसर का सामने आया है।दरअसल यह घटना एक साल पहले की है। नशा तस्करों की दरिंदगी का एक साल पहले शिकार हुआ बलविंदर सिंह शहीद उधम सिंह नगर का रहने वाला है। बलविंदर मात्र 200 रुपए दिहाड़ी के लिए ट्रक क्लीनर का काम करता था। उसका कसूर सिर्फ इतना था कि उसने अपने ट्रक मालिक को नशा तस्करी करते देख उनके साथ काम करने से मना कर दिया, लेकिन कहीं यह सारी बात पुलिस को न बता दे इसी शक में ट्रक मालिक ने ड्राइवर ने परिवार के साथ मिलकर बलविंदर पर न सिर्फ बाल्टी भरकर एसिड डाल दिया बल्कि वह अगर बच गया तो पुलिस के सामने उनका नाम नहीं ले दे इसलिए उसके मुंह में भी एसिड डाल दिया।
70 फीसदी जल चुके बलविंदर को डॉक्टरों ने कड़ी मेहनत से बचा तो लिया लेकिन वह न तो ठीक से बोल पाता है और न ही कुछ खा सकता है। बलविंदर की इस हालत के बाद उसके परिवार पर भी मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है। ईलाज में खर्च उनकी आर्थिक हालत के मुकाबले कई गुणा ज्यादा होने के कारण वे उसके लिए कुछ कर भी नहीं पा रहा।
एक साल बाद खुली पोल
बलविंदर को तेजाब पिलाने के के दस महीने बाद आरोपी ड्राइवर बंटी ने कहा कि उसने ही बलविंदर पर तेजाब डाल दिया। अब बलविंदर की हालत कुछ सुधरी तो उसने हकलाती आवाज में सच्चाई बताई। इसके बाद पुलिस ने पांच आरोपियों के खिलाफ मामला तो दर्ज कर लिया पर आरोपी अभी तक पुलिस की पकड़ से बाहर हैं।