Edited By Updated: 16 Jan, 2017 02:04 PM
सुबह की सैर करने वाले लोग आने वाली सरकार प्रति विभिन्न विचार पेश करते हैं, उनका कहना है कि सरकार जो भी आए आम लोगों के हितों का ख्याल रखने वाली हो।
फरीदकोट (जिंदल): सुबह की सैर करने वाले लोग आने वाली सरकार प्रति विभिन्न विचार पेश करते हैं, उनका कहना है कि सरकार जो भी आए आम लोगों के हितों का ख्याल रखने वाली हो। बेरोजगारी को खत्म करके नौजवान वर्ग को रोजगार दिया जाए। सरकार महिलाओं की सुरक्षा के लिए वचनबद्ध हो व रोज होने वाली लूटपाट व अन्य क्राइम पर काबू पाने वाली हो। सियासी पार्टियों द्वारा चुनाव प्रचार दौरान छोटे-बड़े इकट्ठे करके कई तरह के लोक लुभावने वायदे किए जाते हैं जिनका कोई मतलब नहीं बनता।
अक्सर ही पार्टी नेता विकास को लेकर बड़े-बड़े दावे करते हैं परंतु होता सब झूठ का पुलिंदा है। अब आम वोटर सियासी नेताओं की इन बातों को समझ चुका है। क्षेत्र की हर गली-मोहल्ले की दीवारों व अन्य स्थानों पर सियासी सामग्री भरी पड़ी है जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए। वोट लेने के लिए उम्मीदवारों को घर-घर जाकर प्रचार करने की बजाय एक जगह पर लोगों को इकट्ठे करके अपनी नीतियों व पहले किए कार्यों के अलावा भविष्य की योजनाओं को लोगों के समक्ष रखना चाहिए। झूठे वायदे करने वालों की सरकार की कोई जरूरत नहीं है। बाकी सब आम वोटर पर छोड़ देना चाहिए। सियासत आज जात-पात व धर्म के नाम पर बंटी पड़ी है जोकि पूरी तरह गलत है।
देश के महान संविधान अनुसार हर व्यक्ति को उसका बनता हक मिलना चाहिए। आने वाली सरकार कोई भी हो उसकी योजनाएं लोक हित वाली होनी चाहिए। समाज के हर वर्ग को इंसाफ मिलना चाहिए व ऐसे माहौल का निर्माण करना चाहिए कि महिलाओं सहित देश का हर नागरिक अपने आप को आजाद महसूस करे।
सैर करते लोगों का वार्तालाप
चुनावी मैदान में उतरे हुए उम्मीदवार लगातार लोगों के घरों, दुकानों आदि पर जाकर उनसे मिल रहे हैं तथा उन्हें विश्वास दिला रहे हैं कि यदि वे जीत जाते हैं तो क्या कुछ करेंगे। परन्तु फिर वही व्यक्ति 5 वर्ष तक मुंह नहीं दिखाते। अब आम लोगों को इन लीडरों पर विश्वास ही नहीं रहा परन्तु लोग फिर इन नेताओं पर विश्वास करके वोट डालने चलेजाते हैं।
मुख्त्यार सिंह फौजी
सरकारें तो आती-जाती रहती हैं। उम्मीदवार आम लोगों की वोटें लेकर कुर्सी पर विराजमान हो जाते हैं। पहले तो उम्मीदवार वोटें लेने के लिए लोगों की मिन्नतें करते हैं परंतु बाद में पहचानते भी नहीं। लोग सोच लेते हैं कि कोई लीडर किसी का कार्य करे न करे वोट तो किसी न किसा को डालनी ही पड़ती है। किसी न किसी पर तो विश्वास करना ही पड़ता है।
सतीश कुमार मित्तल
आज की राजनीति जाति-पाति तथा धर्म के नाम पर बंटी हुई है। सिफारिश तथा पैसा प्रधान है। जिसकी ऊंची स्तर पर सिफारिश है यो उसके पास पैसा है तो उसका कोई कार्य नहीं रुकता। सिफारिश होने के कारण अयोग्य व्यक्ति भी फायदा उठा लेते हैं जो कि बाद में परेशानी बना जाते हैं।
राकेश कुमार, चाय वाला
आज रिजर्वेशन के कारण अयोग्य नौजवान सड़कों पर घूम रहे हैं तथा अयोग्य व्यक्ति बड़ी सरकारी नौकरियों पर सुशोभित हैं। सभी को बराबर के अधिकार होने चाहिएं। मुझे उम्मीद है कि हमारे द्वारा चुने गए विधायक रिजर्वेशन के विरुद्ध आवाज बुलंद करके प्रत्येक को समान अधिकार दिलवाएंगे। कई बार योग्य नौजवान मायूस हो कर गलत कदम उठा लेते हैं। यह केवल रिजर्वेशन के कारण ही हो रहा है।
बृज लाल गोयल
पंजाब में नशाखोरी को रोकना अति आवश्यक है। नशों में फंसे हुए पंजाब के नौजवानों की जिन्दगी बर्बाद हो रही है। पंजाब में ऐसी सरकार होने चाहिए जो पंजाब को नशों से मुक्त करवाए। जब नौजवान बेरोजगार होते हैं तो फिर वे नशों की ओर चल पड़ते हैं। प्रत्येक नौजवान को रोजगार मिलना चाहिए ताकि नौजवान नशे की ओर न भटकें।
डाल चंद पवार
ऐसी सरकार आनी चाहिए जो कि भ्रष्टाचार तथा सामाजिक कुरीतियों को खत्म करे। ऐसा वातावरण हो कि भारत का प्रत्येक नागरिक अपने आपको आजाद महसूस करे। लोकतंत्र में से लोगों द्वारा बनाई गई लोगों की सरकार होती है जोकि अब ऐसा नहीं हो रहा। अब तो प्रत्येक तानाशाह बन कर राज करना चाहता है। लोगों को कुछ नहीं समझा जाता।
संजीव गर्ग