राज्य के 53 हजार 400 आंगनबाड़ी वर्करों व हैल्परों का भविष्य लगा दाव पर

Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Sep, 2017 10:00 AM

the future of 53 400 anganwadi workers and helplars in the state

पंजाब मंत्रिमंडल द्वारा बुधवार को लिए गए इस फैसले कि प्री नर्सरी क्लासें सरकारी-प्राइमरी स्कूलों में लगाई जाएंगी,

श्री मुक्तसर साहिब(तनेजा): पंजाब मंत्रिमंडल द्वारा बुधवार को लिए गए इस फैसले कि प्री नर्सरी क्लासें सरकारी-प्राइमरी स्कूलों में लगाई जाएंगी, का आंगनबाड़ी कर्मचारी यूनियन ने विरोध किया है व इसके खिलाफ संघर्ष का ऐलान किया है। उल्लेखनीय है कि सरकार के फैसले के अनुसार सरकारी स्कूलों में बच्चों के दाखिले की उम्र 6 वर्ष से कम कर 3 वर्ष कर दी गई है। ये दाखिले अप्रैल 2018 से करने के लिए कहा गया है।

वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने भले ही यह कहा है कि सरकारी स्कूलों में प्री नर्सरी क्लासें शुरू होने से आंगनबाड़ी केन्द्र प्रभावित नहीं होंगे परंतु अगर ऐसा हो गया तो पंजाब भर के 53 हजार 400 आंगनबाड़ी वर्करों व हैल्परों का भविष्य दाव पर लग जाएगा क्योंकि अगर 5 से 6 वर्ष के बच्चे स्कूलों में चले गए तो आंगनबाड़ी सैंटर खाली हो जाएंगे। राज्य भर के 22 जिलों में 26 हजार 700 आंगनबाड़ी सैंटर हैं व इन सैंटरों में 5 लाख 50 हजार के लगभग बच्चे आ रहे हैं। पहले तो आंगनबाड़ी सैंटरों की इमारतें ही नहीं थी परंतु जब कई जगहों पर आंगनबाड़ी सैंटरों की सरकारी इमारतें लाखों रुपए खर्च कर बनने लगी तो अब सरकार ने सैंटरों में से बच्चे छीनने की तैयार कर ली है।

वित्त मंत्री के घर के सामने किया जाएगा राज्य स्तरीय प्रदर्शन
ऑल पंजाब आंगनबाड़ी कर्मचारी यूनियन ने पूरे देश में संघर्ष का बिगुल बजा दिया है। यूनियन की राज्य कमेटी ने फैसला लिया है कि 25 सितम्बर से राज्य भर में ब्लॉक स्तर पर पंजाब सरकार के पुतले फूंक कर प्रदर्शन किया जाएगा, जबकि 2 अक्तूबर को वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल के गांव बादल में उनके घर के सामने राज्य स्तरीय रोष प्रदर्शन किया जाएगा। यूनियन की राज्य अध्यक्ष हरगोबिंद कौर जो आंगनबाड़ी इम्प्लाइज यूनियन ऑफ इंडिया की राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं, ने सरकार को चेतावनी दी है कि संगठन हरगिज ऐसा नहीं होने देगा। उन्होंने कहा कि नर्सरी क्लासें वर्करों को ही दी जाएं व वर्करों को नर्सरी टीचर का दर्जा दिया जाए। 

सरकारी प्राइमरी स्कूल पड़ते हैं दूर
सरकार ने 1 हजार की आबादी के पीछे एक आंगनबाड़ी सैंटर खोला है। कई बड़े गांवों में 7-7 आंगनबाड़ी सैंटर भी चल रहे हैं। इतने आंगनबाड़ी सैंटरों के बच्चे एक ही प्राइमरी स्कूल में कैसे जाएंगे। कई स्कूल तो वैसे भी गांव से दूर हैं। 

सैंटरों में दी जा रही है प्री स्कूल शिक्षा
केन्द्र्र सरकार की आई.सी.डी.एस. योजना के तहत चलाई जा रही 6 योजनाओं में से प्री स्कूल शिक्षा वाली एक योजना आंगनबाड़ी सैंटरों में ही दी जा रही है परंतु यहां बच्चों को किताबें व वॢदयां नहीं दी जा रही। सरकार का पहले ही खजाना खाली है तो सरकार अब प्राइमरी स्कूलों में करोड़ों रुपया खर्च करके प्री नर्सरी क्लासें कैसे चलाएगी।
 

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