Edited By Updated: 17 Jan, 2017 10:50 AM
वन क्षेत्र में खनन माफिया का दबदबा बढ़ रहा है, जिसके चलते पर्यावरण और कंडी नहर के अस्तित्व को भी खतरा बन गया है। कंडी नहर के दक्षिण में
हाजीपुर: वन क्षेत्र में खनन माफिया का दबदबा बढ़ रहा है, जिसके चलते पर्यावरण और कंडी नहर के अस्तित्व को भी खतरा बन गया है। कंडी नहर के दक्षिण में अनेक लघु पहाडिय़ों का पोकलैंड जे.सी.बी. एवं अन्य भारी मशीनों से अवैध खनन हो रहा है।
पानी के बहाव की दिशा बदलने से नहर खतरे में
एशिया प्रसिद्ध अद्र्धपहाड़ी क्षेत्र से गुजरने वाली कंडी नहर का निर्माण 1987-88 में हुआ था। उस समय नहर डिजाइन करने वाले कुशल इंजीनियरों ने वन व पहाड़ी क्षेत्र से आने वाले पानी के बहाव के अनुसार अनेक स्थानों पर वाटर पैसेजेज के प्रावधान रखे थे ताकि भारी बरसात में तीव्र गति से आने वाला पानी नहर को कोई क्षति न पहुंचाए। अब कुछ लोगों ने खनन माफिया के सहयोग से ऊंची-ऊंची पहाडिय़ों को काट कर समतल कर दिया है, जिससे बरसाती पानी की दिशा में अनेक बदलाव आए हैं, जिनका सीधा प्रभाव नहर के बैड तथा किनारों के अस्तित्व पर पड़ रहा है। अगर नहर टूटी तो अनेक घर जलमग्न हो जाएंगे।
विभाग लगा रहे हैं एक-दूसरे पर आरोप
भविष्य में आने वाली उक्त आपदा के प्रति जब पुलिस प्रशासन से सम्पर्क साधा गया तो उन्होंने कहा कि हमें लिखित रूप में ऐसी कई शिकायत नहीं मिली, सीधा हस्ताक्षेप हम कर नहीं सकते। जब वन विभाग का ध्यान इस ओर दिलाया तो उन्होंने कहा कि यह वन क्षेत्र से बाहर का मामला है इसे नहर विभाग ने देखना है। दूसरी ओर जब नहर विभाग के कार्यालय तलवाड़ा में सम्पर्क किया तो उनका कहना था कि यह मामला खनन विभाग होशियारपुर के अधीन आता है। खनन विभाग में सम्पर्क करने पर पता चला कि संबंधित अधिकारी फील्ड कार्य के लिए गए हुए हैं। कार्यालय के लिपिककार ने बताया कि हमारे ध्यान में अभी यह मामला नहीं है, साहब के आने पर उन्हें अवगत करवा दिया जाएगा।