Edited By Punjab Kesari,Updated: 30 Oct, 2017 12:01 PM
समय से जिंदगी कीमती है, धीरे चलो आपकी कोई घर भी प्रतीक्षा कर रहा है, सावधानी ही सुरक्षा है, ऐसे कितने ही शिक्षा दायक स्लोगन अक्सर हमें सड़कों के किनारे पढऩे को मिलते हैं परंतु दिनों-दिन सड़क हादसों की बढ़ रही संख्या तो यही सिद्ध कर रही है कि लोग...
सन्दौड़ (रिखी): समय से जिंदगी कीमती है, धीरे चलो आपकी कोई घर भी प्रतीक्षा कर रहा है, सावधानी ही सुरक्षा है, ऐसे कितने ही शिक्षा दायक स्लोगन अक्सर हमें सड़कों के किनारे पढऩे को मिलते हैं परंतु दिनों-दिन सड़क हादसों की बढ़ रही संख्या तो यही सिद्ध कर रही है कि लोग सड़क नियमों के प्रति ज्यादा गंभीर नहीं हैं व हमारे यहां सड़क कानूनों को तोडऩा बहुत से लोगों के लिए आम सी बात बन गई लगती है।
चाहे ट्रैफिक पुलिस व सरकार द्वारा लोगों की सुरक्षा व सड़क हादसों को रोकने या कम करने के लिए कई प्रयास किए जाते हैं परन्तु लोगों में जल्दी इतनी बढ़ रही है कि इन प्रयासों की भी कद्र नहीं की जा रही। सड़क यातायात की सुविधा के लिए ही विभाग द्वारा करोड़ों की लागत से टू-लेन या फोर-लेन सड़कों का निर्माण किया जा रहा है और निकलने के लिए ट्रैफिक चिन्ह लगाए जा रहे हैं व सड़कों के बीच डिवाइडर बनाए जा रहे हैं जिससे आने-जाने वाली ट्रैफिक को कोई समस्या न आए और करीब एक किलोमीटर बाद रास्ता रखा जाता है परन्तु डेढ़ किलोमीटर के कट पर जाने की बजाय व शॉर्टकट के इच्छुक जल्दी करने वाले लोगों ने बहुत से स्थानों पर गैर-कानूनी शार्टकट बना लिए हैं जो अक्सर हादसों का कारण बनते हैं।
ऐसी सड़को पर पहले डिवाइडर तोड़ कर साइकिल या स्कूटर निकलने के लिए रास्ता बना लिया जाता है फिर वह एक दिन कारें-गाडिय़ां निकलने का रास्ता भी बन जाता है और बहुत से लोग सही कट पर जाने की बजाय ऐसे गैर-कानूनी कटों से ही निकलने लग जाते हैं जहां अपनी स्पीड से आ रही गाडिय़ों के साथ टकरा कर हादसे का शिकार हो जाते हैं और ये शॉर्टकट सदा के लिए अंत का कारण बन जाते हैं। ये शॉर्टकट 50 प्रतिशत के करीब हादसों का कारण बनते हैं। संगरूर, धूरी, मालेरकोटला शहरों के लोकल एरिया व भीड़ वाले क्षेत्रों में अक्सर ऐसे रास्तों से सड़क पार करते लोग हादसों का कारण बन जाते हैं।
क्या कहना है महिरों का
माहिरों का कहना है बहुत से स्थान तो सड़क नियमों के विपरीत भी लोगो के प्रभाव से सड़क पार करने के रास्ते रख दिए जाते हैं जो किसी भी कीमत पर रखने नहीं चाहिएं क्योंकि जिंदगी से ज्यादा कुछ भी कीमती नहीं है और ऐसे रास्तों से निकलने वाले सामने से सही आ रहे वाहन चालक की मौत का कारण भी बन सकते हैं।
क्या कहते हैं ट्रैफिक इंचार्ज
सड़क पर बढ़ रहे हादसों बारे जब पवन कुमार शर्मा ट्रैफिक इंचार्ज धूरी व शेरपुर के साथ बात की तो उन्होंने कहा कि सड़कों पर बने रास्ते ही ज्यादातर हादसों का कारण बनते हैं और लोग वाहन चलाते समय सावधानी नहीं रखते, मोबाइल फोन का प्रयोग करते हैं या तेज रफ्तार रखते हैं। उन्होंने कहा कि गैर-कानूनी शॉर्टकट नहीं होने चाहिएं क्योंकि हादसे की बजाय दूर से जाना बेहतर है।