Edited By Updated: 18 Jan, 2017 09:15 AM
शहर में पैसे न मिलने के कारण गुस्साए लोगों ने स्टेट बैंक आफ पटियाला के सभी कर्मचारियों को बैंक में बंद करके बैंक समक्ष नैशनल हाईवे नं. 71 दिल्ली-लुधियाना मुख्य मार्ग पर जाम लगाकर पंजाब सरकार, केंद्र सरकार और RBI के खिलाफ नारेबाजी की।
खनौरी (हरजीत): शहर में पैसे न मिलने के कारण गुस्साए लोगों ने स्टेट बैंक आफ पटियाला के सभी कर्मचारियों को बैंक में बंद करके बैंक समक्ष नैशनल हाईवे नं. 71 दिल्ली-लुधियाना मुख्य मार्ग पर जाम लगाकर पंजाब सरकार, केंद्र सरकार और RBI के खिलाफ नारेबाजी की। इन लोगों का कहना था कि नोटबंदी को 2 महीनों से अधिक समय बीतने के बावजूद लोगों की मुश्किलें कम होने की बजाए लगातार बढ़ रही हैं। लोगों को बैंकों में जमा करवाए अपने ही पैसे नहीं मिल रहे हैं।
इस संबंधी आंगनबाड़ी यूनियन की प्रांतीय प्रधान उषा रानी, पूर्व नगर पंचायत प्रधान गिरधारी लाल गर्ग, महावीर प्रसाद ढेला और जरनैल सिंह आदि ने कहा कि सरकार द्वारा सप्ताह में 24 हजार और ATM से रोजाना 10 हजार रुपए ग्राहकों को देने की बात कही जाती है परन्तु जमीनी हकीकत में लोगों को कोई पैसा नही मिल रहा है। उन्होंने कहा कि इस कड़ाके की ठंड के बावजूद लोग सुबह बैंक खुलने से पहले ही लाइनों में लग जाते हैं। वहीं उपस्थित बड़ी संख्या में लोगों ने कहा कि नोटबंदी के कारण आम लोगों को अपने ही पैसे लेने के लिए बैंकों के बाहर लाइनों में लग कर धक्के खाने पड़ रहे हैं। कई बार तो बैंक में कैश ही नही आता और कई घंटे खड़े होकर उनको खाली हाथ ही वापस मुडऩा पड़ता है। जब बारी आती है तो बैंक वाले कहते हैं कि कैश खत्म हो गया।
उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने लोगों की समस्याओं की तरफ ध्यान नही दिया तो दुखी लोग सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होंगे। इस संबंधी स्टेट बैंक आफ पटियाला के मैनेजर सोमनाथ के साथ बात की तो उन्होंने कहा कि हमारे बस की बात नहीं है क्योंकि खातों के आधार पर जितना कैश हमारी ब्रांच को चाहिए उतना नही मिल रहा है। बैंक में तकरीबन 20 हजार खाते हैं जिनमें 450 से ऊपर करंट खाते हैं और हमें कैश 10 से 15 लाख रुपए मिलता है वह भी रोजाना नहीं। हमारी ब्रांच को जरूरत अनुसार डेढ़ से दो करोड़ रुपए चाहिए।
जब स्टेट बैंक आफ पटियाला मुख्य दफ्तर में ए.जी.एम.-2 अनीता गौतम के साथ फोन पर बात की गई तो उन्होंने बताया कि पहली बात तो जितना कैश चाहिए RBI से नहीं मिल रहा और जितना कैश पटियाला जोन को मिलता है उसको आगे रीजन और उससे आगे ब्रांचों के स्केल और बिजनैस के हिसाब से बांट कर दिया जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि रूरल बैलेट होने के कारण कमीशन एजैंटों और व्यापारिक विभागों व बचत खाताधारकों को कैश की परेशानी जरूर आ रही है। कैश की कमी के कारण जहां पब्लिक को परेशानी हो रही है वही बैंक के स्टाफ को भी समस्याएं झेलनी पड़ रही हैं।