Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Aug, 2017 11:24 AM
गांव बूसोवाल जाती रोड के किनारे पर एक कमरा डालकर गांव तर्फहाजी की हद में रह रहा एक 80 वर्षीय वृद्ध दंपति गत 3 वर्षों से बुढ़ापा पैंशन के लिए दर-दर भटक कर थककर टूट चुका है।
सुल्तानपुर लोधी (सोढी): गांव बूसोवाल जाती रोड के किनारे पर एक कमरा डालकर गांव तर्फहाजी की हद में रह रहा एक 80 वर्षीय वृद्ध दंपति गत 3 वर्षों से बुढ़ापा पैंशन के लिए दर-दर भटक कर थककर टूट चुका है। समाज सेवक डा. परविंद्रजीत सिंह, सुखविन्द्र सिंह, बचित्तर सिंह ने इस गरीब वृद्ध व्यक्ति महिंद्र सिंह पुत्र कर्म सिंह निवासी बूसोवाल रोड व उसकी बीमार पत्नी ज्ञान कौर बारे बताया कि वह खुद 2 बार बुढ़ापा पैंशन के फार्म भरवाकर संबंधित दफ्तर में बंद पड़ी पैंशन चालू करवाने के लिए दे चुका है परंतु पता नहीं क्यों सुनवाई नहीं हो रही।
पहले मिलती थी अब बंद हो गई पैंशन
पंजाब केसरी गु्रप के प्रतिनिधि ने जब मौके पर जाकर देखा तो पता लगा कि उक्त वृद्ध दंपति पहले काजी बाग मोहल्ला सुल्तानपुर लोधी में रहते थे जहां उनको पैंशन मिलती थी।
लगभग 80-82 वर्ष की आयु में गरीबी कारण वो अपना घर बेचकर बूसोवाल रोड की हद में कमरा बनाकर रहने लगे, वहीं मिलने वाली बुढ़ापा पैंशन बंद होने कारण वे तंगहाली कि जिंदगी व्यतीत कर रहे हैं। उक्त वृद्ध दंपति ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह व डी.सी. कपूरथला से मांग की कि उनकी बंद हुई बुढ़ापा पैंशन दोबारा चालू करवाई जाए।