अकाली दल के बुरे दिन,अब इस सहारे चलेगा दफ्तर का खर्चा

Edited By Updated: 04 May, 2017 04:36 PM

the bad days of the akali dal now this support will be the cost of the office

पंजाब में लगातार 10 साल तक सत्ता में रहने के बाद अकाली दल ने दफ्तर चलाने का भार समूचे ऐसे नेताओं के कंधों पर डालने का फैसला लिया है, जो पार्टी की तरफ से दी टिकटों के सहारे वेतन या पैंशन लेने के हकदार बने हैं।  पार्टी प्रधान सुखबीर सिंह बादल ने...

 चंडीगढ़ः पंजाब में लगातार 10 साल तक सत्ता में रहने के बाद अकाली दल ने दफ्तर चलाने का भार समूचे ऐसे नेताओं के कंधों पर डालने का फैसला लिया है, जो पार्टी की तरफ से दी टिकटों के सहारे वेतन या पैंशन लेने के हकदार बने हैं।  पार्टी प्रधान सुखबीर सिंह बादल ने हिदायत दी है कि सभी पूर्व और मौजूदा विधायक सहित संसद सदस्य अपने वेतन और पैंशन में से 5-5 हजार रुपए प्रति माह पार्टी को अदा करेंगे। यह पहली बारी हुआ है कि जब पार्टी दफ्तर का खर्चा चलाने के लिए अकाली नेताओं से वित्तीय सहायता का सहारा लेना पड़ रहा है।

पिछले 10 सालों दौरान शिरोमणी अकाली दल को व्यापारिक घरानों से 101 करोड़ रुपए की राशि दान में मिली है। अकाली दल देश की अमीर पार्टियों में से एक मानी जाती है। पार्टी का चंडीगढ़ के सैक्टर -28 में आलीशान दफ्तर है। इस दफ़्तर से पार्टी की राजनीतिक सरगर्मियां साल 2009 में शुरू हुई थीं। इस से पहले एम.एल.ए. होस्टल से ही दफ्तर का काम चलाया जा रहा था।

इस दफ्तर को चलाने और ओर खर्चों के लिए तकरीबन 5 लाख रुपए से ज्यादा की राशि हर माह चाहिए। दर्जन से अधिक कर्मचारी इस समय दफ्तर में काम करते हैं। इनके वेतन सहित पार्टी की बैठक और प्रैस कान्फ़्रेंसों दौरान होते खर्चों सहित बिजली, पानी और टैलीफोन के खर्च भी शामिल हैं। विधानसभा मतदान दौरान पार्टी की हार के बाद अकाली दल के लिए दफ्तर का खर्च का भार उठाना कठिन हुआ पड़ा है। इसी लिए पूर्व और मौजूदा विधायकों सहित संसद सदस्यों को हिस्सा डालने की हिदायतें दीं गई हैं। 

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