Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Jun, 2017 11:41 AM
25 जून, 1989 का दिन मोगा निवासियों के लिए ऐसा आया था कि जिसने मोगा के प्रत्येक नागरिक को झंजोड़ कर रख दिया था। सुबह की चहल-पहल मातम में तबदील हो गई थी। जिसने भी उस घटना को देखा उसकी आज भी रूह कांप जाती है।
मोगा (पवन ग्रोवर): 25 जून, 1989 का दिन मोगा निवासियों के लिए ऐसा आया था कि जिसने मोगा के प्रत्येक नागरिक को झंजोड़ कर रख दिया था। सुबह की चहल-पहल मातम में तबदील हो गई थी। जिसने भी उस घटना को देखा उसकी आज भी रूह कांप जाती है। उस घटना के बाद प्रत्येक 25 जून मोगा निवासी मायूस हो जाते हैं।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आर.एस. एस.) की शाखा पर इस दिन आतंकवादियों ने सुबह आतंकवादी हमला किया था। आर.एस.एस. के सेवकों ने आधुनिक भारत के इतिहास में अपने बलिदानों के अनेक अध्याय जोड़े हैं। मोगा के नेहरू पार्क गोलीकांड भी उसी अध्याय में एक दर्द भरा इतिहास है।
हमले के बाद संघ परिवार ने नहीं हारा हौसला, अगली सुबह पुन: लगाई शाखा
शहीदी पार्क (1989 का नाम नेहरू पार्क) में रोजाना की तरह कुछ लोग सुबह की सैर करने में व्यस्त थे तथा नेहरू पार्क में एक आर.एस.एस. की शाखा लगी हुई थी कि अचानक आतंकवादियों ने शाखा में शामिल निहत्थे स्वयंसेवकों पर गोलियों की बरसात कर दी जिसमें जहां 25 लोग शहीद हो गए, वहीं शाखा में शामिल वर्करों समेत आसपास के 31 के करीब लोग घायल हो गए थे। जिक्र योग्य है कि इस घटना के अगले दिन भी संघ परिवार ने हिम्मत नहीं हारी बल्कि इस जगह पर फिर से शाखा लगाई। बाद में नेहरू पार्क का नाम बदलकर शहीदी पार्क रख दिया गया जो आज देश भक्तों के लिए तीर्थ स्थान बना हुआ है।
मौत का मंजर सामने होने के बावजूद भी डटे रहे शाखा वर्कर्स
इस कांड को देखने वाले एक और जख्मी संघ वर्कर ने बताया कि जब सभा हो रही थी तो अचानक पिछले गेट से भागदौड़ की आवाज सुनाई दी तथा फिर संघ की कार्रवाई चला रहे वर्कर ने कहा कि देखो छोटे गेट से आतंकवादी आ गए हैं, यह सुनकर सभा में हाजिर निवासियों का ध्यान उस तरफ गया तथा सभी ने जोश से उनका सामना किया।
झंडा न उतारने पर आतंकवादियों ने किया था फायर
प्रत्यक्षदर्शि्यों के अनुसार आतंकवादियों ने आते ही सभा में संघ के पदाधिकारियों को आर.एस.एस. का झंडा उतारने के लिए कहा लेकिन वहां मौजूद सीनियर पदाधिकारियों ने ऐसा करने से मना कर दिया तथा उनको रोकने का प्रयत्न किया लेकिन किसी की बात न सुनते हुए आतंकवादियों ने अंधाधुंध फायरिंग करनी शुरू कर दी।
10 साल की उम्र में देखा मौत का मंजर : नितिन जैन
10 साल की उम्र में गोलीकांड आंखों से देखने वाले एक नौजवान नितिन जैन ने बताया कि उनका घर शहीदी पार्क के बिल्कुल सामने था तथा रविवार का दिन होने के कारण वह सुबह पार्क में चला गया तथा जैसे ही आतंकवादियों ने धावा बोलकर गोलियां चलानी शुरू कीं तो वह धरती पर लेट गया तथा जब आतंकवादी भाग रहे थे तो सभी ने उनको पकडऩे की कोशिश की तथा मैं भी इसको खेल समझकर भागने लगा, तो एक व्यक्ति ने उसको पकड़कर घर भेजा। नितिन ने कहा कि चाहे किसी व्यक्ति को 10 वर्ष की उम्र की बातें न याद हों, पर 25 जून, 1988 का रविवार आज भी उसको हर पल दर्द देता हुआ आंखों के सामने शहीद हुए निर्दोष लोगों की याद दिलाता है।
25 जून की कहानी, संजीव कुमार की जुबानी
25 जून, 1989 दौरान आर.एस.एस. के कैंप में शिरकत करने वाले मोगा निवासी संजीव कुमार ने बताया कि वह आर.एस.एस. में काफी समय से भाग ले रहे थे तथा जून के महीने में आर.एस.एस. की ओर से शहर के अलग-अलग स्थानों पर लगाए जाते थे लेकिन 25 जून 1989 को आर.एस.एस. की सभी इकाइयां शहर वासियों को राष्ट्रवादी बनाने के मकसद से इकट्ठी हुईं तथा सुबह 6 बजे संघ का विचार शुरू हुआ तो अचानक 6.25 बजे आतंकवादियों ने आकर हमला कर दिया तथा हर तरफ भगदड़ मच गई जिस दौरान उसकी बाजू पर अनेक छर्रे लगे तथा बाजू आज भी नकारा है।
4 आतंकवादियों ने किया था हमला
घटना के प्रत्यक्षदर्शी डा. विजय अनुसार 4 आतंकवादियों ने सभा पर हमला किया जिनमें से एक आतंकवादी गेट पर तैनात था, 2 ने अंधाधुंध गोलियां चलानी शुरू कर दीं जबकि एक आतंकवादी बाहर खड़ी वैन में बैठा था। इन आतंकवादियों ने खाकी रंग के पायजामे तथा नीले रंग की चप्पलें पहनी हुई थीं।
आतंकवादियों को पकडऩे की कोशिश में पति-पत्नी जिंदगी से हारे
जानकारी के अनुसार गोलीकांड उपरांत छोटे गेट से भाग रहे आतंकवादियों को पकडऩे की कोशिश करने वाले दलेर पति-पत्नी ओम प्रकाश तथा छिंदर कौर जिंदगी से हार गए। आतंकवादियों को पकडऩे के लिए दोनों ने जोश से ललकारा मारा लेकिन आतंकवादियों ने दोनों को ए.के. 47 से भून दिया व शहीद हो गए।
गोलीकांड में घायल साहसी देश सेवकों की सूची
प्रेम भूषण, राम लाल आहूजा, राम प्रकाश कांसल, बलवीर कोहली, राज कुमार, संजीव सिंगल, दीना नाथ, हंसराज, गुरबख्श राय गोयल, डा. विजय सिंगल, अमृत लाल बांसल, कृष्ण देव अग्रवाल, अजय गुप्ता, विनोद धमीजा, भजन सिंह, विद्या भूषण नागेश्वर राव जी, पवन गर्ग, गगन बेरी, राम प्रकाश, सतपाल सिंह कालड़ा, कर्मचंद तथा कुछ अन्य घायल हुए थे।
आर.एस.एस. देगी शहीदों को श्रद्धांजलि
1989 के मोगा गोलीकांड के शहीदों को नमन करने के लिए 26 जून,1989 को आर.एस.एस. की ओर से शहीदी पार्क में श्रद्धांजलि समारोह मनाया जा रहा है। मोगा पीड़ित सहायता तथा स्मारक समिति के अध्यक्ष डा. राजेश पुरी ने समूह मोगा निवासियों को अपील की कि वे इस श्रद्धांजलि समागम में पहुंचकर श्रद्धांजलि अॢपत करने तथा अपने बच्चों को भी इस समागम में शिरकत करने की प्रेरणा दें ताकि हमारी नौजवान पीढ़ी तथा आने वाली पीढ़ी अपने शहर तथा शहीदों द्वारा दिए बलिदान को समझ सके तथा उनसे प्रेरणा ले सके।