Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Jul, 2017 04:50 PM
सतीश चन्द्रा आई.ए.एस. एडीशनल चीफ सैक्रेटरी पंजाब सरकार स्थानीय निकाय विभाग चंडीगढ़ द्वारा जारी एक आदेश अनुसार नगर
जगराओ (भंडारी): सतीश चन्द्रा आई.ए.एस. एडीशनल चीफ सैक्रेटरी पंजाब सरकार स्थानीय निकाय विभाग चंडीगढ़ द्वारा जारी एक आदेश अनुसार नगर कौंसिल जगराओं द्वारा 26.12.2016 को मांगे गए टैंडरों में हुई घपलेबाजी के संबंध में बनती कार्रवाई न करने के आरोप जगराओं नगर कौंसिल के तत्कालीन ई.ओ. गुरदीप सिंह तथा वर्तमान सहायक म्यूनिसिपल इंजीनियर (ए.एम.ई.) को सस्पैंड कर दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि सस्पैंड किए गए ई.ओ. गुरदीप सिंह इस समय कुराली नगर कौंसिल में ई.ओ. नियुक्त थे। इस संबंध में जानकारी लेने हेतु नगर कौंसिल जगराओं के प्रधान से मोबाइल पर बातचीत करनी चाही परन्तु उन्होंने फोन नहीं उठाया। दोनों अधिकारियों को सस्पैंड करने की जानकारी मिलने पर नगर कौंसिल जगराओं के अधिकारियों और कर्मचारियों में हड़कम्प के अतिरिक्त नगर कौंसिल के पार्षदों में चर्चाएं शुरू हो गई हैं। कथित तौर पर टैंडरों में हुई घपलेबाजी में जांच के दौरान कई अन्य व्यक्ति भी लपेट में आ सकते हैं। इस संबंध में नगर कौंसिल जगराओं के एक इंका पार्षद कर्मजीत सिंह कैंथ ने बताया कि टैंडरों में हुई घपलेबाजी के संबंध में पंजाब सरकार तथा विजीलैंस विभाग को कुछ व्यक्तियों ने शिकायतें करके जांच की मांग की थी।
कर्मजीत कैंथ ने बताया कि जगराओं में 166 विकास कार्यों के लिए नगर कौंसिल जगराओं द्वारा 7 करोड़ 93 लाख 95 हजार रुपए के 26.12.16 को टैंडर लगाए गए थे। पंजाब में इंका सरकार बनने के पश्चात नगर कौंसिल द्वारा इंका पार्षदों के कुछ वार्डों में तथा प्रधान ने स्वयं व अन्य चहेते पार्षदों के वार्डों में विकास कार्य शुरू करवा दिए। टैंडरों में कोई तकनीकी कमी तथा इनके संबंध में हुई शिकायतों के बाद प्रधान व अधिकारियों ने उक्त टैंडर कैंसिल करवा दिए परन्तु वार्डों में बिना वर्क आर्डर करवाए गए विकास कार्यों की पेमैंट ठेकेदारों की बकाया खड़ी है। दूसरी ओर चीफ इंजीनियर साहिब ने नगर कौंसिल को वर्क आर्डर के बिना कोई कार्य न करवाने तथा कोई अदायगी न करने का आदेश दिया था। पार्षद कर्मजीत कैंथ ने बताया कि गत 30.6.17 को नगर कौंसिल जगराओं की हुई बैठक में उन्होंने टैंडरों का मुद्दा तथा कुछ वार्डों में हुए विकास कार्यों की अदायगी का मुद्दा नगर कौंसिल के प्रधान के समक्ष उठाया था। उस मीटिंग में प्रधान ने उत्तर में कहा था कि ठेकेदारों को कोई अदायगी नहीं की जाएगी। पार्षद कैंथ ने कहा कि टैंडरों में हुई घपलेबाजी के चलते जांच दौरान कई बड़ी हस्तियां फंसने की सम्भावना है।