Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Oct, 2017 11:52 AM
भारत के हिन्दू संगठन बेशक समय-समय पर पाकिस्तान के मंदिरों की हालत में सुधार के लिए भारत सरकार से मांग करते रहते हैं ।
गुरदासपुर/अमृतसर(विनोद): भारत के हिन्दू संगठन बेशक समय-समय पर पाकिस्तान के मंदिरों की हालत में सुधार के लिए भारत सरकार से मांग करते रहते हैं । उनकी यह मांग भारत में ही अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर तथा बाबरी मस्जिद विवाद में दब कर रह जाती है। इसी कारण पाकिस्तान के तो क्या भारत में प्रसिद्ध मंदिरों संबंधी भी कुछ सुधार नहीं हो रहा। यदि बीते समय पर नजर दौड़ाई जाए तो वर्ष 1947 में जब भारत और पाकिस्तान का विभाजन हुआ था तब पाक में जहां 26 प्रतिशत हिन्दू समुदाय के लोग रहते थे ।
वहां तब लगभग 428 मंदिर थे परंतु समय के साथ-साथ पाक में हिन्दू समुदाय की आबादी तो 12 प्रतिशत अभी भी पाई जाती है। वहीं मंदिरों की संख्या मात्र 30 के करीब ही रह गई है। पाकिस्तान में अधिकतर मंदिर बहुत ही जीर्ण हालत में हैं। इसका मुख्य कारण एक तो पाक सरकार द्वारा मंदिरों के रख-रखाव की तरफ ध्यान न देना है वहीं पाकिस्तान में रह रहे हिन्दू समुदाय द्वारा अपने धर्म स्थान के प्रति उदासीनता दिखाया जाना भी प्रमुख कारण है। यदि धर्म परिवर्तन का पाकिस्तान में वर्तमान क्रम चलता रहा तो निश्चित रूप में वहां हिन्दू समुदाय का प्रतिशत बहुत ही कम रह जाएगा।
बाबरी मस्जिद गिराए जाने के विरोध पाक में तोड़े गए थे 200 मंदिर
वर्ष 1992 में भारत में बाबरी मस्जिद गिराई गई थी तो पाकिस्तान में उसकी प्रतिक्रिया स्वरूप लगभग 200 मंदिरों को तोड़ दिया गया था। तब मुस्लिम कट्टरपंथियों ने हिन्दू समुदाय के लोगों के घरों को भी भारी नुक्सान पहुंचाया था परंतु इसके बावजूद हिन्दू समुदाय के लोग, विशेष कर सिंध प्रांत में हिन्दू समुदाय के लोग पाकिस्तान में रह रहे हैं। इस समय भी हिन्दू समुदाय के लोगों को अपमानित किया जाना, लड़कियों का अपहरण किए जाने सहित अन्य कई तरह की जिल्लत का वातावरण पाकिस्तान में हिन्दू समुदाय के लोगों को झेलना पड़ रहा है।
अस्तित्व खो चुके हैं पाक में स्थित हिंदू मंदिर
पाकिस्तान के हिन्दू समुदाय के मंदिरों बारे इकट्ठी की गई जानकारी से पता चलता है कि अधिकतर मंदिर अपना अस्तित्व खो चुके हैं। विश्व प्रसिद्ध कटासराज मंदिर सहित बलोचिस्तान का हिंगलाज मंदिर, इस्लामाबाद का सैदपुर मंदिर, खैबर पख्तूनवाला राज्य में शिव मंदिर मनशेरा, नंदी मंदिर पेशावर, वालमीकि मंदिर पेशावर, शिव मंदिर नौशहरा, लक्ष्मी मंदिर मरदान बहुत ही बुरी हालत में हैं।
विश्व प्रसिद्ध कटासराज मंदिर इस समय मुरम्मत की मांग कर रहा है। सच्चाई तो यह है कि कटासराज मंदिर संबंधी भारत और पाकिस्तान सरकार के बीच समझौता भी हो रखा है कि इस मंदिर का बेहतर ढंग से पाकिस्तान सरकार रख-रखाव करेगी। इसी तरह एक अन्य शहर में चल रहे कटास राज मंदिर को पाक सरकार ने लाईब्रेरी में तबदील कर दिया है जबकि यह मंदिर हिन्दू समुदाय के लोगों की आस्था का केंद्र था।
पाकिस्तान के कटासराज व भारत में अजमेर के पास पुष्कर में स्थित मंदिर भगवान शिव की आंखें हैं। पाकिस्तान के कटासराज मंदिर में कभी संस्कृत महाविद्यालय भी चलता था।इसी तरह से लाहौर का दूधवाली माता का मंदिर और शीतला मंदिर भी अपनी होंद खोते जा रहे हैं। इसी तरह से प्रसिद्ध प्रह्लाद मंदिर तथा जैन मंदिर, जो लाहौर में अनारकली बाजार के पास हैं, को 1992 में कट्टरवादियों ने बहुत नुक्सान पहुंचाया था। तब से इन दोनों मंदिरों को पाकिस्तान सरकार ने बंद कर रखा है तथा इनके कुछ हिस्से में इस्लामी स्कूल चल रहे हैं।
हिंदू समुदाय को नहीं मंदिरों की देखरेख का अधिकार
वहीं, लाहौर में भक्त हकीकत राय की समाध, जहां हर साल बसंत का त्यौहार बहुत ही धूमधाम से हिन्दू समुदाय के लोग मनाते हैं, वह भी बहुत बुरी हालत में है। पाकिस्तान सरकार द्वारा हिन्दू समुदाय के लोगों को इन मंदिरों की देखरेख करने का अधिकार नहीं दिया जा रहा और न ही पाकिस्तान सरकार इन मंदिरों की गुरुद्वारों की तरह स्वयं देखरेख कर रही है। यही कारण है कि हिन्दू समुदाय के मंदिर बहुत ही बुरी हालत में हैं।