Edited By Updated: 25 Apr, 2017 10:42 AM
तहसील जालंधर-1 और 2 के साथ संबंधित रिकार्ड को संभालने के लिए बनाए गए रिकार्ड रूम की हालत दिन-प्रतिदिन बद से बदतर होती जा रही है,
जालंधर(अमित): तहसील जालंधर-1 और 2 के साथ संबंधित रिकार्ड को संभालने के लिए बनाए गए रिकार्ड रूम की हालत दिन-प्रतिदिन बद से बदतर होती जा रही है, मगर किसी भी अधिकारी की तरफ से इस तरफ ध्यान ही नहीं दिया जा रहा। इस वजह से बहुत कीमती रिकार्ड पूरी तरह से नष्ट होने की कगार पर पहुंच गया है। रिकार्ड रूम में दिन-प्रतिदिन आने वाले रिकार्ड की गिनती में लगातार इजाफा हो रहा है मगर जगह की भारी कमी से जूझ रहे रिकार्ड रूम के अंदर मौजूदा समय में कीमती दस्तावेजों की संभाल करना मुश्किल साबित होने लगा है। रिकार्ड को सही तरीके से रखने के लिए कमरे में पर्याप्त जगह ही नहीं है क्योंकि लगातार बढ़ते जा रहे रिकार्ड को रखने की कवायद में रिकार्ड रूम के अंदर पैर रखने की जगह भी शेष नहीं बची है। अगर समय रहते प्रशासन ने इस तरफ ध्यान नहींं दिया तो आने वाले समय में इस कीमती रिकार्ड को संभालकर रखना लगभग नामुमकिन साबित हो सकता है। इसके साथ ही सही तरीके से रिकार्ड को न रखे जाने से इसके खराब होने की संभावना भी अधिक हो जाती है जिसका खमियाजा आम जनता को ही भुगतना होगा क्योंकि जरूरत के समय आवश्यक रिकार्ड की खोज करना रेत में सूई तलाशने जैसा होने वाला है।
रजिस्ट्रेशन वाला कमरा मिलने के बाद भी नहीं सुधरे हालात
रिकार्ड रूम को अतिरिक्त जगह प्रदान करने के उद्देश्य से रजिस्ट्रेशन के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला कमरा देने के बाद भी यहां के हालात नहीं सुधरे। सब-रजिस्ट्रार बिल्डिंग के आरंभ होने से रजिस्ट्रेशन रूम का इस्तेमाल भी बतौर रिकार्ड रूम किया जाने लगा, जिसकी वजह से रिकार्ड रखने के लिए कुछ अतिरिक्त जगह उपलब्ध हो गई मगर कुछ ही वर्षां में रजिस्ट्रेशन रूम भी रिकार्ड रखने के लिए छोटा पडऩे लगा। हालत यह बन गई है कि अगर कोई रिकार्ड ढूंढना पड़ जाए तो कई-कई घंटे लग जाते हैं, रिकार्ड की तलाश करने में और कई बार तो रिकार्ड ढूंढने पर भी नहीं मिलता, जिससे आम जनता को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है।
रिकार्ड रूम की हालत में जल्दी होगा सुधार: डी.सी.
डी.सी. वरिंद्र कुमार शर्मा से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि रिकार्ड रूम को बेहतर और बड़ा बनाने का प्रस्ताव पहले से ही विचाराधीन है। डी.ए.सी. में अलग-अलग शाखाओं की रैनोवेशन का काम जारी है, जल्दी ही रिकार्ड रूम को सही करने और इसका आकार बढ़ाने पर अंतिम फैसला लेकर इसे अमलीजामा पहना दिया जाएगा ताकि कीमती रिकार्ड का सही ढंग से रख-रखाव सुनिश्चित किया जा सके।
कर्मचारियों के बैठने के लिए भी जगह पडऩे लगी है कम
इतना ही नहीं रिकार्ड रूम में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए रिकार्ड को सही तरीके से संभालकर रखना भी बहुत मुश्किल साबित होने लगा है। रिकार्ड रूम के अंदर कर्मचारियों के बैठने तक की उचित व्यवस्था नहीं है और जगह की भारी कमी के कारण रिकार्ड को ठूंस-ठूंस कर रखना पड़ रहा है।
हाल ही में डी.सी. ने अपने दौरे में जताई थी चिंता: परमजीत
फोटोस्टेट आप्रेटर परमजीत सिंह ने बताया कि उनकी तरफ से काफी देर पहले ही जिला नाजिर को रिकार्ड रूम को सही और आकार में बड़ा करने के लिए लिखा गया था मगर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। परमजीत ने कहा कि रिकार्ड रूम को सही किए बिना कीमती रिकार्ड का रख-रखाव सही ढंग से नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि हाल ही में डी.सी. वरिंद्र कुमार शर्मा ने भी अपने दौरे में रिकार्ड रूम की दशा को लेकर गहरी ङ्क्षचता जताई थी और उम्मीद की जा रही है कि वह जल्दी ही इसे लेकर कोई प्रभावी कदम अवश्य उठाएंगे।
ई-फर्द केन्द्र के सामने खाली पड़ी जगह का हो सकता है इस्तेमाल
रिकार्ड रूम के बाहर ई-फर्द केन्द्र के बिल्कुल सामने बहुत बड़ी जगह खाली और बेकार पड़ी है। उक्त जगह का इस्तेमाल पहले रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए आने वाले लोगों के बैठने और लाइनें कंट्रोल करने के लिए किया जाता था मगर पिछले कई सालों से उक्त जगह का इस्तेमाल नहीं किया गया है। अगर प्रशासन उक्त जगह को एक कमरे की शक्ल दे देता है तो रिकार्ड रूम का आकार बढ़ाकर कीमती रिकार्ड को खराब होने से बचाया जा सकता है।
बरसात के दिनों में हो जाता है बुरा हाल, जगह-जगह से टपकता है पानी
रिकार्ड रूम की हालत बरसात के दिनों में बद से भी बदतर हो जाती है क्योंकि मामूली सी बरसात से ही रिकार्ड रूम के अंदर जगह-जगह से पानी टपकने लगता है। बरसाती पानी से रिकार्ड खराब होने की संभावना बनी रहती है।