Edited By Updated: 19 Jan, 2017 01:40 PM
अधिक कमाई का मोह ‘गुरु जी’ को भारी पड़ सकता है। यह मोह उन्हें शिक्षा विभाग पंजाब की प्रताडऩा का शिकार भी बना सकता है।
भटिंडा (परमिंद्र): अधिक कमाई का मोह ‘गुरु जी’ को भारी पड़ सकता है। यह मोह उन्हें शिक्षा विभाग पंजाब की प्रताडऩा का शिकार भी बना सकता है। शिक्षा विभाग पंजाब ने स्कूल समय के बाद ट्यूशन पढ़ाने वाले अध्यापकों पर शिकंजा कसने की योजना बना ली है, इसलिए अब अध्यापक स्कूल समय के बाद प्राइवेट ट्यूशन नहीं पढ़ा पाएंगे। विभाग के इस फैसले से घरों में ट्यूशन पढ़ाने वाले सरकारी अध्यापकों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच आई हैं।
घरों में चलाते हैं ट्यूशन सैंटर
सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले कई अध्यापक अधिक कमाई हेतु स्कूल समय के बाद व पहले प्रात: समय घरों में ट्यूशन सैंटर चलाते हैं। हालांकि शिक्षा विभाग पंजाब द्वारा सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले अध्यापकों के प्राइवेट ट्यूशन पढ़ाने पर रोक लगाई हुई है, परन्तु इसके बावजूद कई अध्यापक विभागीय नियमों को धत्ता बताते हुए ट्यूशन वर्क करते हैं। इसकी सूचना मिलने पर शिक्षा विभाग पंजाब ने इस मामले में पंजाब के समूह मंडल शिक्षा अधिकारियों व समूह जिला शिक्षा अधिकारियों (सैकेंडरी) को ऐसे अध्यापकों पर अनुशासनी कार्रवाई शुरू करने की हिदायत दी है।
स्कूलों में शिक्षण गतिविधियां होती हैं प्रभावित
विभागीय सूत्रों के अनुसार सरकारी अध्यापकों के ट्यूशन वर्क से स्कूलों में शिक्षण गतिविधियां प्रभावित होती हैं और गरीब विद्यार्थियों हेतु सुचारू शिक्षण सेवाएं मुहैया करवाने का उद्देश्य पूरा नहीं हो पाता है। कई मामलों में अध्यापक विद्यार्थियों को उनसे स्कूल समय बाद शिक्षा हासिल करने का दबाव बनाते हैं तो कई मामलों में ट्यूशन वर्क के चलते वह कक्षाओं में विद्यार्थियों पर पूरा ध्यान नहीं दे पाते हैं जिससे शैक्षणिक गतिविधियों व परिणामों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।