Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Oct, 2017 01:19 PM
सांझा अध्यापक मोर्चा पंजाब के आह्वान पर आज डिप्टी कमिश्नर अमृतसर के कार्यालय सामने मोर्चे के कन्वीनर मंगल सिंह टांडा, अश्विनी अवस्थी, हरदेव भकना, बिक्रमजीत सिंह शाह, संत सेवक सरकारिया और बलवान सफरी के नेतृत्व में पंजाब सरकार की ओर से 800 के करीब...
अमृतसर (दलजीत): सांझा अध्यापक मोर्चा पंजाब के आह्वान पर आज डिप्टी कमिश्नर अमृतसर के कार्यालय सामने मोर्चे के कन्वीनर मंगल सिंह टांडा, अश्विनी अवस्थी, हरदेव भकना, बिक्रमजीत सिंह शाह, संत सेवक सरकारिया और बलवान सफरी के नेतृत्व में पंजाब सरकार की ओर से 800 के करीब प्राइमरी स्कूलों को मर्ज करने की नीति के विरोध में रोष भरपूर प्रदर्शन के बाद अर्थी फूंक कर सरकार का पिट स्यापा किया गया।
इस दौरान विभिन्न प्रवक्ताओं ने स्पष्ट किया कि एक तरफ भारत के संविधान में लिखा है कि सरकार लोक हित के कामों को प्राथमिकता दे, परंतु दूसरी तरफ पंजाब सरकार के शिक्षा विभाग का तो बाबा आजब ही निराला है, जहां प्राइमरी कक्षाओंं से संबंधित 800 के करीब स्कूलों को मर्ज करने का फै सला फटाफ ट ले लिया गया कि बच्चों की संख्या कम होने के कारण ये स्कूल मर्ज किए जा रहे हैं, जबकि बुनियादी तौर पर गरीबों के बच्चे ही उक्त स्कूलों में शिक्षा ले रहे हैं, जिनको बंद करना या मर्ज करना एक नादिरशाही फरमान है।
इसको किसी भी हालत में सांझा अध्यापक मोर्चा संगठनों के सहयोग से कामयाब नहीं होने देगा। ये स्कूल मर्ज करने पर 1168 के करीब अध्यापक और 800 के करीब मिड-डे मील वर्कर जोकि कम वेतन पर काम कर रहे हैं और जहां यह स्कूल मर्ज किए जाने हैं। बिना बुनियादी सुविधाएं दिए बंद किए जाने की भद्दी चालें चली जा रही हैं और भविष्य में इन पोस्टों का भोग डाल दिया जाएगा।