Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 May, 2017 12:12 PM
पंजाब की पिछली अकाली-भाजपा सरकार के दौरान रैगुलर होने के बावजूद भी पंजाब के 7000 कम्प्यूटर अध्यापक अपने वेतन और अन्य
लुधियाना (सलूजा): पंजाब की पिछली अकाली-भाजपा सरकार के दौरान रैगुलर होने के बावजूद भी पंजाब के 7000 कम्प्यूटर अध्यापक अपने वेतन और अन्य वित्तीय मुश्किलों को लेकर समय-समय पर संघर्ष करते दिखाई दिए और अब जब पंजाब की हुकूमत भी बदल गई है परन्तु कम्प्यूटर अध्यापकों की मुश्किलों में कोई कमी नहीं आई और कुछ संबंधित अधिकारी उनको परेशान करने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे। इन विचारों का प्रकटावा कम्प्यूटर मास्टर यूनियन (सी.एम.यू.) पंजाब के पदाधिकारियों ने प्रकट किए।
यूनियन के प्रांतीय उपाध्यक्ष राजदीप सिंह मानसा ने बताया कि जहां उनको अभी तक मार्च और अप्रैल महीनो का वेतन नसीब नहीं हुई, वहीं मई महीना भी खत्म हो चला है। उन्होंने खुलासा किया कि अधिकारियों द्वारा वेतन को लेट करते हुए कम्प्यूटर अध्यापकों को परेशान करने के मंतव्य से हर बार वेतन वाली फाइल पर कोई न कोई नया ऐतराज लगा दिया जाता है। राजदीप ने कहा कि 3-3 महीने बाद उनको एक माह का वेतन जारी कर दिया जाता है और वही चक्कर फिर से शुरू हो जाता है। जिसके कारण आर्थिक तंगी के चलते पंजाब भर के 7000 कम्प्यूटर अध्यापक मानसिक परेशानी से गुजर रहे हैं, जो कि निंदनीय है।