Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Dec, 2017 03:08 PM
चाय दुनिया भर में पिया जाने वाला एक सर्वप्रिय पेय माना जाता है। जापान व चीन में 4 हजार वर्ष से चाय को एक दवाई के रूप में लिया जाता है पर भारत में चाय अंगे्रज हकूमत के पश्चात ही दाखिल हुई। कभी दूध-मक्खनों से पलने वाले भारतीय विशेष कर पंजाबी आज की...
गढ़शंकर (शोरी): चाय दुनिया भर में पिया जाने वाला एक सर्वप्रिय पेय माना जाता है। जापान व चीन में 4 हजार वर्ष से चाय को एक दवाई के रूप में लिया जाता है पर भारत में चाय अंगे्रज हकूमत के पश्चात ही दाखिल हुई। कभी दूध-मक्खनों से पलने वाले भारतीय विशेष कर पंजाबी आज की तारीखों में चाय की प्याली में डूब कर रह गए हैं। चाय का यदि सही तरीके से इस्तेमाल हो तो यह एक औषधि है पर चाय को आवभगत में इस प्रकार पेश किया जाता है कि मेहमान का मन हो, चाहे न हो पर मेजबान जबरदस्ती चाय पिला कर ही रहता है।
कई बार देखा जाता है कि चाय न पीओ तो मेजबान रूठ जाता है। जैसे अलग-अलग प्रकार के राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाए जाते हैं वैसे ही अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस 15 दिसम्बर को मनाया जाता है। यह पहली बार 2005 में नई दिल्ली में मनाया गया।
कैसे, कब, कहां शुरू हुआ चाय दिवस
वर्ष 2005 में चाय की पैदावार करने वाले देश भारत, बंगलादेश, श्रीलंका, नेपाल, वियतनाम, इंडोनेशिया, कीनिया, मलेशिया आदि ने यह दिवस मनाने का फैसला लिया जोकि नई दिल्ली में मनाया गया। यह दिवस चाय का कारोबार करने वाले ट्रेड यूनियनों ने आयोजित किया था। वर्ष 2015 में भारत सरकार ने इसको और बेहतर ढंग से मनाने के लिए यूनाईटेड नेशन फूड व एग्रीकल्चर संगठन को लिखा।
चाय का बदल बन रही ग्रीन-टी
जो लोग चाय की बजह से एसिड, मोटापा व बदहजमी की शिकायत खुद में पाते हैं ऐसे वर्ग में ग्रीन-टी का चलन काफी बढ़ गया है। ग्रीन-टी से जो फायदे होते हैं उनमें हाई ब्लड प्रैशर का कम होना, यह दिमाग में पैदा होने वाले स्ट्रैस हारमोन का काम करता है, ग्रीन-टी में एंटी ऑक्सीडैंट काफी ज् यादा होता है, जो दिल के रोगियों के लिए लाभदायक रहता है, ग्रीन-टी से वजन भी कम होता है।