Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Nov, 2017 02:02 PM
शिरोमणि अकाली दल की जालंधर शहरी की प्रधानगी का अखाड़ा लगातार गर्माता जा रहा है। पहले तो पार्टी के दिग्गज चन्नी, मक्कड़ और नीलामहल मैदान में उतरे थे। उनके बाद कुलवंत सिंह मन्नण व कमलजीत सिंह भाटिया का नाम आगे आया। पर अब कई टकसासी परिवारों से जुड़े...
जालंधर(बुलंद): शिरोमणि अकाली दल की जालंधर शहरी की प्रधानगी का अखाड़ा लगातार गर्माता जा रहा है। पहले तो पार्टी के दिग्गज चन्नी, मक्कड़ और नीलामहल मैदान में उतरे थे। उनके बाद कुलवंत सिंह मन्नण व कमलजीत सिंह भाटिया का नाम आगे आया। पर अब कई टकसासी परिवारों से जुड़े नेता भी इस प्रधानगी अखाड़े में उतर आए हैं।मामले बारे पार्टी जानकारों की मानें तो इस प्रधानगी की राह लगातार कठिनाइयों और नए मोड़ों से जुड़ती जा रही है। इस प्रधानगी के लिए अब पार्टी के कई टकसाली परिवारों ने भी हाईकमान तक संपर्कसाधा है। इन टकसाली परिवारों ने हाईकमान से मांग की है कि जिनके परिवारों की तीसरी-चौथी पीढ़ी अकाली दल के लिए सेवा निभा रही है उन्हें पार्टी को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
टकसाली परिवारों का कहना है कि दूसरी पाॢटयां छोड़कर आए या ब्लैकमेलिंग व भू-माफिया से जुड़े नेताओं को ही अगर पार्टी ने प्रधानगियां देनी हैं तो टकसाली परिवारों का अकाली दल से मोह भंग होना स्वाभाविक है। यही कारण है कि अब टकसाली अकाली परिवारों के बच्चों का झुकाव दूसरी पाॢटयों की ओर हो रहा है। प्रधानगी के दावेदारों में पहला टकसाली नाम परमजीत सिंह हीरा भाटिया का सामने आया है। हीरा भाटिया के पिता प्रकाश सिंह बादल के बेहद करीबियों में रहे हैं। उनकी मृत्यु के बाद हीरा ने पार्टी का दामन थामे रखा। वह पार्टी की वर्किंग कमेटी में भी रहे। जानकारों की मानें तो अब पार्टी पर दोआबा के टकसाली परिवारों का दबाव है कि इस बार टकसाली परिवार के किसी नेता को ही शहरी प्रधानगी का मौका मिले।
दूसरा नाम सुरजीत सिंह गोल्डी का आगे आ रहा है। गोल्डी के पिता ज. अवतार सिंह मक्कड़ पार्टी के सरप्रस्त भी हैं। उन्होंने पार्टी के लिए लम्बा संघर्ष किया है और जेलें भी काटी हैं। अब पार्टी से इस परिवार को काफी आस है कि लंबे समय से पार्टी के लिए सेवाएं निभाने वाले सुरजीत सिंह गोल्डी को जालंधर शहरी का प्रधान बनाया जाए। जानकारों के अनुसार गोल्डी की ओर से पार्टी हाईकमान तक अपनी अपील पहुंचा दी गई है।
तीसरा नया नाम जो इस बार शहरी प्रधानगी के लिए आगे आया है वह है रणजीत सिंह राणा का। राणा कई दशकों से पार्टी के लिए पूरी मेहनत से काम कर रहे हैं। उन्होंने पार्टी के साथ कभी कोई नाराजगी या विरोध नहीं किया। राणा के साथ शहर के कई युवा नेता भी जुड़े हैं। जानकारों की मानें तो राणा के नाम पर भी पार्टी विचार कर सकती है।
चौथा नाम कुलदीप सिंह ओबराय का सामने आ रहा है। ओबराय खुद और उनकी पत्नी भी अकाली दल की ओर से जालंधर के डिप्टी मेयर रहे हैं। गत दिवस अजीत सिंह कोहाड़ ओबराय के घर पर आए थे और उन्होंने ओबराय को पुन: पार्टी में बढिय़ा तरीके से एडजस्ट करने का भरोसा दिया है। इससे पहले ओबराय ने दिल्ली में सुखबीर बादल से भी मुलाकात की थी। सूत्रों की मानें तो ओबराय जालंधर शहरी की प्रधानगी के लिए सैटिंग करने में लगे हैं। पांचवां नाम जो तेजी से जिला शहरी प्रधानगी के लिए सामने आ रहा है वह तेज-तर्रार नेता ज. प्रीतम सिंह मिट्ठू बस्ती का है। प्रीतम सिंह का बस्तियों में काफी प्रभाव है। पार्टी के कार्यों के लिए डटना और लडऩा उनके लिए पुरानी बात है इसलिए प्रीतम सिंह का नाम शहरी प्रधानगी के लिए आगे आना स्वाभाविक है।