S.Y.L. विवाद के चलते पंजाब के किसानों ने पानी की कमी का मुद्दा उठाया

Edited By Updated: 25 Feb, 2017 02:49 AM

syl dispute raised the issue of water shortages farmers in punjab

पंजाब व हरियाणा के मध्य एस.वाई.एल. नहर को लेकर विवाद गहराया

जालन्धर(धवन): पंजाब व हरियाणा के मध्य एस.वाई.एल. नहर को लेकर विवाद गहराया हुआ है तो दूसरी तरफ पंजाब के गेहूं उत्पादक किसानों ने सरकार व अधिकारियों से पर्याप्त पानी की व्यवस्था करने का मुद्दा उठा दिया है। मालवा के तलवंडी साबो, अबोहर तथा बलुआणा से जुड़े 2 दर्जन गांवों के किसानों ने पानी की कमी की शिकायत की है। किसानों का कहना है कि एक ओर तो पंजाब का पानी अन्य राज्यों द्वारा मांगा जा रहा है परन्तु उन्हें पंजाब की जमीनी हकीकत का एहसास नहीं है। गेहूं की पैदावार के लिए उन्हें पानी की कमी की समस्या से जूझना पड़ रहा है।

तलवंडी साबो के निकट पड़ते गांव कंकवाल, मलकाना, फुल्लोखाड़ी आदि के किसानों ने कोटला नहर की शाखा की सफाई शुरू कर दी है क्योंकि उन्हें पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है। उनका कहना है कि पर्याप्त पानी के अभाव में गेहूं की फसल प्रभावित हो सकती है। कुछ किसानों ने तो नहरी विभाग के बाहर धरने भी दिए हैं ताकि नहर की सफाई का कार्य पूरा किया जा सके। इसी तरह से अन्य प्रभावित गांवों में जोगेवाला, ज्ञाना, तंगराली, गत्तेवाली आदि शामिल हैं। नहरों का पानी खेतों तक नहीं पहुंच रहा है। तापमान में हुई अचानक बढ़ौतरी के कारण गेहूं की फसल के लिए पानी की मांग बढ़ गई है। भूमिगत जल दूषित है इसलिए इन गांवों को नहरी पानी पर निर्भर होना पड़ रहा है। 

कंकवाल गांव के किसान गुलजार सिंह ने आरोप लगाया कि अकाली सरकार ने पानी की समस्या को हल करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है। हर चुनाव में पानी का मुद्दा चुनावी मुद्दा बन कर उमड़ता है परन्तु बाद में सियासी नेता इस समस्या का समाधान नहीं करते हैं। इस बार भी चुनावी अभियान के दौरान पानी की कमी को दूर करने का वायदा किया गया। अब चुनाव खत्म हो गए हैं तो यह मुद्दे उठाने वाले नेताओं के असली चेहरे सामने आ गए हैं। मालवा के किसानों के सामने नहरों की सफाई का मामला भी गंभीरता से सामने आ खड़ा हुआ है। 

नहरों की सफाई न होने के कारण जो पानी खेतों तक पहुंचना चाहिए था वह भी नहीं पहुंचा है इसके लिए किसान सिंचाई विभाग को आड़े हाथों ले रहे हैं। नहरों में गाद जमा होने के कारण पानी के प्रवाह में रुकावटें पैदा हो रही हैं। नहरी विभाग के अधिकारियों ने कहा कि धान की बुवाई के बाद नहरों की सफाई का कार्य नहीं हो सका इसलिए मालवा के कुछ क्षेत्रों में नहरों में गाद की समस्या बनी हुई है। नहरी विभाग द्वारा अब अप्रैल महीने में नहरों की सफाई का अभियान शुरू किया जाएगा। 

पंजाब के पास केवल 12.6 एम.ए.एफ. पानी ही उपलब्ध: अमरेन्द्र
पंजाब कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने राज्य में पानी के चल रहे संकट पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि पंजाब के पास केवल 12.6 एम.ए.एफ. पानी ही बचा है जबकि हरियाणा के पास कुल 14.03 एम.ए.एफ. पानी उपलब्ध है। इसके बावजूद पंजाब का पानी छीनने का षड्यंत्र सियासी तौर पर रचा गया है। उन्होंने कहा कि यमुना के पानी पर भी पंजाब का अधिकार था परन्तु यमुना का पानी हरियाणा को ही दे दिया गया। इस समय यमुना का 5.58 एम.ए.एफ. पानी हरियाणा को मिल रहा है। कैप्टन ने कहा कि पंजाब पुनगर्ठन एक्ट 1966 ने पंजाब व हरियाणा के मध्य रावी-ब्यास-सतलुज सहित अन्य प्रमुख संसाधनों को 60:40 के अनुपात से बांटा था परन्तु पंजाब  को कुछ नहीं मिला। कैप्टन ने पूछा कि क्या यह पंजाब से न्याय था। 
 

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