Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Sep, 2017 11:59 AM
लगता है प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का 2 अक्तूबर, 2019 तक देश में ‘स्वच्छ भारत अभियान’ के तहत सफाई के साथ-साथ शौचालय सुविधा
जालंधर(प्रीत): लगता है प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का 2 अक्तूबर, 2019 तक देश में ‘स्वच्छ भारत अभियान’ के तहत सफाई के साथ-साथ शौचालय सुविधा उपलब्ध करवा कर बापू महात्मा गांधी के 150वें जन्म दिवस पर श्रद्धांजलि देने का सपना अधूरा रह जाएगा क्योंकि देश में आर्थिक रूप से पिछड़े गांवों, शहरों में लोगों के लिए सफाई व शौचालय सुविधा देना तो दूर यहां महानगरों के सरकारी कार्यालय व थानों तक शौचालय सुविधा पर्याप्त नहीं है। आज भी सरकारी दफ्तरों में या तो पुरुष व औरतों के लिए अलग-अलग शौचालय सुविधा नहीं है, अगर है तो गंदगी इतनी है कि आम जनता वहां जाना अवॉयड करती है।
उल्लेखनीय है कि 2 अक्तूबर, 2014 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशव्यापी स्वच्छ भारत अभियान की शुरूआत की जिसमें हरेक राज्य व जिलों में प्रशासनिक अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई कि अपने-अपने एरिया में स्वच्छता अभियान चलाया जाए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने खुद राष्ट्रपति भवन से इसकी शुरूआत की। प्रधानमंत्री ने ऐलान किया कि बापू गांधी के 150वें जन्म दिन यानी 2 अक्तूबर, 2019 तक देश भर में 1.96 करोड़ की अनुमानित लागत से करीब 1 करोड़ शौचालयों का निर्माण कर ‘खुले में शौच’ से मुक्ति दिलाई जाएगी।
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शुरू किए गए इस अभियान के तीन साल पूरे होने में महज 15 दिन शेष हैं लेकिन तीन साल में इस अभियान को लेकर हुई प्रगति पर ध्यान दिया जाए तो सवाल जहन में कौंधता है कि अगर 3 साल में हम यहां तक पहुंचे हैं तो क्या शेष रहते 2 सालों में प्रधानमंत्री द्वारा निर्धारित लक्ष्य पूरा हो सकेगा?ऐसा सवाल इसलिए खड़ा हो रहा है क्योंकि अगर महानगरों के सरकारी कार्यालयों में शौच सुविधा का यह हाल है तो देश के आॢथक रूप से पिछड़े हजारों गांवों, शहरों में क्या हाल होगा। पंजाब केसरी टीम द्वारा आज शहर में कमिश्नरेट के 14 थानों तथा अन्य सरकारी कार्यालयों का निरीक्षण करके जमीनी स्तर की वास्तविकता जानने की कोशिश की गई।