Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Dec, 2017 12:56 PM
नगर कौंसिल फिरोजपुर पंजाब की पहली ऐसी नगर कौंसिल बन गई है, जिसने भारत सरकार के स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत अपने इलाके में विद्युत उपकरणों के कचरे की संभाल के लिए ई-वेस्ट कंपोनैंट के अंतर्गत प्रोजैक्ट शुरू किया है। जिले के डिप्टी कमिश्नर रामवीर की...
फिरोजपुर (कुमार): नगर कौंसिल फिरोजपुर पंजाब की पहली ऐसी नगर कौंसिल बन गई है, जिसने भारत सरकार के स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत अपने इलाके में विद्युत उपकरणों के कचरे की संभाल के लिए ई-वेस्ट कंपोनैंट के अंतर्गत प्रोजैक्ट शुरू किया है। जिले के डिप्टी कमिश्नर रामवीर की प्रेरणा एवं उत्साह के साथ नगर कौंसिल फिरोजपुर के कार्य साधक अफसर परमिन्द्र सिंह और सैनेटरी इंस्पैक्टर-कम नोडल अफसर सुखपाल सिंह की तरफ से अक्तूबर 2017 से फिरोजपुर में इस प्रोजैक्ट की शुरुआत की गई। स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत पूरे देश में अभी तक सिर्फ 5-6 स्थानों पर ही ई-वेस्ट कंपोनैंट के अंतर्गत ऐसे प्रोजैक्ट शुरू किए जा चुके हैं और नगर कौंसिल फिरोजपुर शहर को पूरे राज्य में इस तरह का पहला प्रोजैक्ट शुरू करने का मान प्राप्त हुआ है।
डिप्टी कमिश्नर रामवीर की तरफ से इस प्रोजैक्ट की प्रगति संबंधी समय-समय पर समीक्षा की जा रही है। डिप्टी कमिश्नर रामवीर आई.ए.एस. ने बताया कि जैसे बॉयो मैडीकल वेस्ट या सालिड वेस्ट की संभाल के लिए पहले प्रोजैक्ट चल रहे हैं, उसी तरह ही घरेलू कचरे में ई-वेस्ट की संभाल जैसे पुराने रिमोट, अलग-अलग तरह की बैटरियां, टार्चों, कैमरा, लैपटॉप सहित अन्य विद्युत उपकरण आदि को इकट्ठा करने के लिए अलग-अलग स्थानों पर प्वाइंट बनाए गए हैं, जहां इसके लिए फ्लैक्स बोर्ड और बक्से लगाए गए हैं। उन्होंने कहा कि ई-वेस्ट को संभालने के लिए यह बक्से लगभग 50 दुकानों डी.सी. दफ्तर, एस.एस.पी. दफ्तर, सेवा केन्द्रों, दफ्तर लोकल गवर्नमैंट, नगर कौंसिल दफ्तर आदि सार्वजनिक स्थानों पर भी लगाए गए हैं।
इस दौरान ई.ओ. परमिन्द्र सिंह और प्रोजैक्ट के सैनेटरी इंस्पैक्टर-कम नोडल अफसर सुखपाल सिंह ने बताया कि आम तौर पर घरों, दफ्तरों या दुकानों आदि में होती ई-वेस्टिंग को लोग दूसरे कूड़े-कर्कट के साथ ही फैंक देते हैं, जिनके बीच की जहरीली धातुएं जैसे कि लैड्ड, कैडियम, जिंक, मरकरी, लिखियम, कपड़ा और अलकालीन आदि मिट्टी के संपर्क में आकर जहां कृषि की उपज पर प्रभाव डालती है, वहीं जमीन में जहरीले मादा भी पैदा करती हैं और इनका प्रभाव टैक्सिक कैमिकल द्वारा खुराक के माध्यम से हमारे शरीर पर भी पड़ता है। उन्होंने कहा कि अब तक 100 किलोग्राम से ज्यादा ई-कचरा इकट्ठा हो चुका है और इसेअलग-अलग करके संबंधित कंपनियों को फिर प्रयोग के लिए भेज दिया जाएगा।