Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Sep, 2017 02:04 PM
एक ओर देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत को स्वच्छ बनाने के लिए विभिन्न स्कूल-कालेजों या सामाजिक संस्थाओं के माध्यम से स्वच्छ
घनौली (शर्मा): एक ओर देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत को स्वच्छ बनाने के लिए विभिन्न स्कूल-कालेजों या सामाजिक संस्थाओं के माध्यम से स्वच्छ भारत के नाम से जागरूकता अभियान चलाया हुआ है तो दूसरी ओर सरकारी संस्थाएं व स्थानीय लोग इस अभियान को नाकाम बनाने में लगे हुए हैं।
स्वच्छ भारत मुहिम को ग्रहण लगने की बात गुरु गोबिंद सिंह सुपर थर्मल प्लांट की मार्कीट व लेबर कालोनी को जाने वाली सड़क पर पूरी तरह चरितार्थ होती है। इतने बड़े थर्मल प्लांट की लगभग 25 छोटी-बड़ी दुकानों वाली नूहों मार्कीट के लिए थर्मल मैनेजमैंट एक कूड़ेदान भी मुहैया नहीं करवा सकती। परिणामस्वरूप दुकानदार कूड़ा खुले में फैंकने के लिए मजबूर हैं और उक्त कूड़े की दुर्गंध से मार्कीट में आने वालों को भी परेशानी होती है। इसी प्रकार लेबर कालोनी को जाने वाली सड़क पर भी आजकल पूरी तरह गंदगी का आलम है।
हैरानी की बात यह है कि गंदगी के ढेर भी उसी स्थान पर पड़े हैं जहां थर्मल प्रशासन ने दीवार पर लिखा है कि यहां कूड़ा फैंकने वाले को 500 रुपए जुर्माना किया जाएगा। उक्त स्थान पर रोजाना खाद्य पदार्थों की रेहडिय़ां व सप्ताह में 2 दिन किसान मंडी भी लगती है, जिस कारण भयानक बीमारी फैलने का खतरा है। नूहों की लांबा मार्कीट से होकर जाने वाला नूहों कालोनी के ड्रेन वाटर का नाला भी दुकानदारों व स्थानीय लोगों ने आजकल कूड़ेदान बनाया है, जबकि उक्त नाले के किनारे भी खाद्य पदार्थों की दुकानें हैं, इसलिए कागजों में सफाई संबंधी सैमीनार लगाने वाले स्वास्थ्य विभाग व थर्मल मैनेजमैंट को स्वच्छ भारत के लिए व्यावहारिक रूप से योगदान डालना चाहिए।