Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 Jul, 2017 04:33 PM
वैसे तो गलियों-सड़कों की सफाई के लिए हजारों मुलाजिमों की तैनाती व मैकेनिक स्वीपिंग अपनाने के अलावा नगर निगम ने कूड़े की
लुधियाना (हितेश): वैसे तो गलियों-सड़कों की सफाई के लिए हजारों मुलाजिमों की तैनाती व मैकेनिक स्वीपिंग अपनाने के अलावा नगर निगम ने कूड़े की लिफ्टिंग का काम निजी हाथों में दिया हुआ है। लेकिन फिर भी सफाई व्यवस्था के हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे। जिससे स्वच्छता सर्वेक्षण में रैंकिंग काफी डाऊन आने के मद्देनजर प्रशासन द्वारा सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए स्वच्छता एप को प्रमोट करने पर जोर दिया जा रहा है।
भले ही नगर निगम का स्लोगन सुंदरता, सेवा व सफाई है। लेकिन शहर के हालात इसके बिल्कुल उलट हैं, क्योंकि जहां कहीं से भी गुजरें, सड़कों पर गंदगी जरूर नजर आती है। हालांकि निगम ने गलियों-सड़कों की सफाई के लिए हजारों मुलाजिम लगाए हुए हैं। लेकिन फिर भी जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे नजर आ जाते हैं। जिसकी वजह यह है कि निगम के मुलाजिम सुबह सफाई करने के बाद एक जगह कूड़ा इकट्ठा करके चले जाते हैं। जबकि ए टू जैड कंपनी का कहना है कि वो सिर्फ कंटेनर प्वाइंट से ही कूड़ा उठाएगी और निगम के सफाई मुलाजिमों द्वारा सुबह की जाती सफाई के बाद दुकानें खुलने पर दुकानदार सड़क पर कूड़ा गिरा देते हैं।
इन हालातों के चलते ही स्वच्छता सर्वेक्षण में रैंकिंग काफी डाऊन आई है, क्योंकि सड़कों-गलियों से तो क्या कंटेनर प्वाइंटों से भी कूड़े की लिफ्टिंग नहीं हो पाती। जिससे स्वच्छ भारत मुहिम का जनाजा निकल रहा है। इस समस्या के हल के लिए निगम ने केंद्र सरकार के शहरी विकास मंत्रालय द्वारा ही डिवैल्प की गई स्वच्छता एप का सहारा लेने का फैसला किया है। जिसको डाऊनलोड करने बारे जागरूकता फैलाने के लिए निगम द्वारा अपने फेसबुक पेज पर प्रमोट किया जा रहा है।