एक माह में 39,000 दख्र्वास्तें लेने वाले 103 सेवा केंद्र होंगे बंद

Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Dec, 2017 02:10 PM

suwidha centre

सरकार द्वारा जिले के 103 सेवा केंद्रों को बंद करने की कार्रवाई का विरोध होने लगा है। ग्रामीण क्षेत्र में सभी सेवा केंद्र बंद करने का प्रस्ताव होने की वजह से इसका ज्यादा विरोध हो रहा है। जिला प्रशासन के इस प्रस्ताव पर फैसला लेने के लिए प्रशासनिक...

बठिंडा (विजय): सरकार द्वारा जिले के 103 सेवा केंद्रों को बंद करने की कार्रवाई का विरोध होने लगा है। ग्रामीण क्षेत्र में सभी सेवा केंद्र बंद करने का प्रस्ताव होने की वजह से इसका ज्यादा विरोध हो रहा है। जिला प्रशासन के इस प्रस्ताव पर फैसला लेने के लिए प्रशासनिक सुधार विभाग के अधिकारियों के साथ वीरवार को प्रस्तावित वीडियो कांफ्रैंसिंग नहीं हुई। अब इसके लिए नई तारीख तय होगी। सेवा केंद्र बंद होने की वजह से इनके कर्मचारियों में भी संशय है व हर रोज 1100 लोगों को परेशान होना पड़ेगा। जिन केंद्रों को बंद किया जाएगा, वहां के लोगों को अपने कामों के लिए दूर के सेवा केंद्रों पर जाना पड़ेगा। बंद किए जाने वाले 103 सेवा केंद्रों में एक माह में 39 हजार लोगों ने दख्र्वास्तें दीं।

पंचायत चुनावों में बन सकता है मुद्दा
सेवा केंद्र बंद होने की सुगबुगाहट से गांव गुमटी कलां और मंडी कलां में ग्रामीण पहले भी विरोध कर चुके हैं। अब अन्य गांवों में भी विरोध प्रदर्शनों की तैयारी हो चुकी है। वहीं अंदरखाते चर्चा है कि एंट्रीज कम होने की वजह से घाटे की वजह बन चुके सेवा केंद्रों को बंद करने की योजना तैयार है, लेकिन अगले वर्ष फरवरी में प्रस्तावित पंचायत चुनाव के चलते सरकार मार्च 2018 तक इसे लागू करने से गुरेज कर सकती है। अगर ग्रामीण क्षेत्र में स्थित टाइप-& श्रेणी के सभी 89 सेवा केंद्र बंद हुए तो यह पंचायत चुनावों का अहम मुद्दा बन जाएगा। 


200 कर्मचारियों पर छंटनी की तलवार
वर्तमान में सेवा केंद्रों को संचालित कर रहे बी.एल.एस. प्राइवेट लिमिटेड के पास जिले के 124 सेवा केंद्रों पर &00 कर्मचारी हैं। अगर 10& सेवा केंद्र बंद कर 21 सेवा केंद्र ही रखे गए तो करीब 200 कर्मचारियों की नौकरी पर छंटनी की तलवार लटकने का अंदेशा है। इसमें टाइप-1 सेवा केंद्र पर 10, टाइप-2 के &4 सेवा केंद्रों पर 5-5 कर्मचारियों के अलावा प्रत्येक केंद्रों पर एक-एक रनर और टाइप-& के 89 सेवा केंद्रों पर एक-एक कर्मचारी है। इसके अलावा कंपनी का प्रशासनिक स्टाफ भी है।


भवनों के निर्माण पर हुआ खर्च भी जाएगा व्यर्थ : रेशम सिंह 
सेवा केंद्र बंद करने का विरोध कर रही भारतीय किसान यूनियन (एकता सिद्धूपुर) के जिला महासचिव रेशम सिंह यात्री के अनुसार ग्रामीण क्षेत्र के सभी सेवा केंद्र बंद करना उचित नहीं है। इससे ग्रामीणों को किराया खर्च कर शहर जाना पड़ेगा। इससे छोटे काम के लिए समय भी ज्यादा लगेगा। यात्री के अनुसार सरकार के निर्णय से सेवा के भवनों के निर्माण पर हुआ खर्च भी व्यर्थ जाएगा।

जलाए गए 2 केंद्रों में शुरू नहीं हुआ काम
अगस्त में डेरा स‘चा सौदा के प्रमुख के मामले में विशेष सी.बी.आई. न्यायालय द्वारा फैसला सुनाए जाने के बाद जिले में भड़की ङ्क्षहसा में कोटफत्ता, भाईरूपा और जीवनसिंहवाला में सेवा केंद्र का भवन व सैटअप जला दिया गया था। इसमें 2 सेवा सेवा केंद्र कोटफत्ता और भाईरूपा केंद्रों को & महीनों में रिपेयरिंग करवा शुरू नहीं किया गया है।
 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!